शरीर का शिल्पकार तो ईश्वर है लेकिन स्वयं का आत्मबल, समाज से प्रेरणा मिलती रहे तो विकलांगता सफलता में कभी बाधा नहीं बनती। दिव्यागजनों के सामाजिक स्वावलंबन के लिए नोएडा के मारवाह स्टूडियो में 6 जुलाई 2019 को “व्हिलिंग हैप्पीनेस फाउंडेशन” के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में ICMEI के प्रेसीडेंट संदीप मारवाह, सोनिया ढींगरा, देविका मालिक, विदिशा बालियान, डॉ दीपा मालिक, लेफ्टिनेंट रीता गंगवानी, सुनैना कश्यप, संदीप अहुवालिया सहित बौद्धिक समाज के कई अन्य गणमान्य महानुभावों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
भारतीय परंपरा की गौरव गाथा के स्वर्णिम पथ को दोहराते हुए दीप प्रज्ज्वलन एवं गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शानदार शुरुवात हुई।
मारवाह स्टूडियो में आयोजित “व्हिलिंग हैप्पीनेस” के इस कार्यक्रम के माध्यम से दिव्यंगजनो के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हेतु कार्य किया जा रहा है ।
सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित भाव से सेवारत मीडिया जगत के गनाग सूर्य ICMEI के प्रेसीडेंट संदीप मारवाह ने कहा कि मारवाह स्टूडियो की धरती पुण्य की धरती है और आज तक मारवाह स्टूडियो ने देश को कई मिस इंडिया दिये हैं जिन्होंने दुनिया भर में भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है। व्हिलिंग हैप्पीनेस फाउंडेशन को हमारी ढेर सारी शुभकामनाएं। हम सब ईश्वर की बनाई हुई एक प्रतिमा हैं जिसमें हम स्वयं की इच्छा शक्ति से उसे और भी सशक्त बनाते हैं । संदीप मारवाह ने कहा कि ईश्वर तो बस शरीर की रचना करता है और व्यक्ति अपने दृढ़ इच्छा शक्ति से उसमें ऊर्जा भरता है, मनुष्य अपने शरीर का लेखक खुद होता है उसमें कहीं पर भी अक्षमता बाधा नहीं बन सकती अगर आपकी इच्छा शक्ति दृढ़ है तो आप जिंदगी में हर मुकाम को हासिल कर सकते हैं। और मैं आशा करता हूं कि इस फाउंडेशन से जुड़े हुए सभी प्रतिभागी निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे।
व्हीललिंग हैप्पीनेस के अंतर्गत बहुत सारे विकलांग प्रतिभाओं ने अपनी इच्छा शक्ति के माध्यम से अपने अंदर छिपी प्रतिभा को निखारा है और भारत का नाम रोशन किया है। पूर्ण रूप से बहरी विदिशा वालयान ने अखिल भारतीय कला एवं संस्कृति सोसाइटी द्वारा आयोजित मिस इंडिया 2019 का खिताब जीतने के बाद इंटरनेशनल ब्यूटी पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी यह भारत के लिए बड़े ही गर्व का विषय है।
इसी तरह बहुत सारे विकलांग लोगों ने अपने गौरवशाली प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है और समाज को इच्छाशक्ति के बल पर जीने की प्रेरणा भी दी है।