अवैध वाहन, नो पार्किग, गैस से चलने वाले वाहनो सहित मिनी बसो की झींगा मस्ती पर नही लग रही लगाम
भोपाल। राजधानी में अपराधियो का आंतक जहॉ लगातार जारी है, वही अपराधियों के आगे बेबस पुलिस आम लोगों को सताने का काम कर रही है। चैकिंग के नाम पर आम लोगों से अपराधियों जैसा सलूक किया जाता है। वहीं शहर में चल रहे अवैध आपे, नो पार्किंग में सवारी बैठाने वाली लो-फ्लोर, झींगा मस्ती करने वाली नी बसो तथा बिना फिटनैस के दौड़ रहे स्कूल वाहनो के साथ ही सिलेंडर से चलने वाली स्कूली वैन चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं जा रही है। जानकारी के अनुसार राजधानी में इन दिनों करीब चार दर्जन से अधिक स्थानों पर पाइंट लगाकर चैकिंग की जा रही है। यहॉ तैनात यातायात पुलिस के नव आरक्षक और सूबेदार अधिकतर पाइंट्स पर तैनात हैं। इन के द्वारा आम जनों को रोकते ही दहशत में लेने के लिए बदसलूकी की जाती है। एक बार पकड़े जाने पर किसी भी नियम कायदे मे फंसाकर वसूली करना उद्देश्य है। नियामतपुरा में रहने वाले आसिम उद्दीन के मुताबिक तीन दिन पहले उन्हें बी.यू के पास ब्रिज के नीचे चल रही चैकिंग में रोका गया था। तमाम दस्तावेज दिखाने के बावजूद उन्हें आधे घंटे से अधिक समय तक खड़ा रखा गया। बाद में सीट बैल्ट के नाम पर उन पर चालान काटने का दबाव बनाया गया। कुछ देर बाद एक आरक्षक ने उन्हें 300 रूपए लेकर बिना पर्ची काटे छोड़ दिया। मंगलवारा में कारोबार करने वाले रोहित शर्मा के अनुसार बीती दोपहर को करीब एक बजे उन्हें अल्पताना तिराहे पर रोका गया। गाड़ी रोकते ही उनकी बाइक की चाबी जबरिया छीनी गई। विरोध करने पर एक आरक्षक तथा एक एसआई ने गाड़ी जब्त कर शासकीय कार्य में बाधा के प्रकरण में फंसाने की धमकी दी। चैकिंग पांइटस पर बैरिकेडिंग कर की जाने वाली इस वाहन चैकिंग के दौरान यातायात के जवान दर्जनों गाडिय़ां एक साथ रोक लेते हैं। जिससे कई भारी दबाव वाले चौराहों पर जाम के हालात बन जाते हैं। इन में प्रमुख तौर पर बोर्ड आफिस चौराहा, अल्पना तिराहा, भोपाल टॉकीज से बस स्टैंड की ओर जाने वाली सड़क, बेस्ट प्राइज से नई गल्ला मंडी की ओर जाने वाली सड़क शामिल हैं। वही अल्पना तिराहे पर स्थित पुलिस चौकी के बगल में ही मिनी बस चालक, लो-फ्लोर बसों के चालक प्रायवेट टैक्सी के चालक खुलेआम नो पार्किंग में वाहन खड़े कर सवारी बैठाने का काम करते हैं। यहां बड़े वाहनों में धड़ल्ले से ओवर लोडिंग की जाती है। हालांकि पुलिस ने इन्हें नजरअंदाज करती है। वहीं आम लोगों को देर रात तक वाहन चेकिंग के नाम पर परेशान किया जाता है।