डेढ़ अरब लोगों पर मंडरा रहा है बीमारियों का खतरा, डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट में खुलासा
नई दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की हाल में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वैश्विक स्तर पर 1.4 अरब से अधिक वयस्कों को पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से बीमारियों का खतरा है। देश में लगभग 34 प्रतिशत लोग (24.7 प्रतिशत पुरुष और 43.9 प्रतिशत महिलाएं) स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त व्यायाम नहीं करते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2001 से शारीरिक गतिविधि के वैश्विक स्तर में कोई सुधार नहीं है। व्यायाम की कमी से समय के साथ हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, डिमेंशिया और कैंसर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। यह अस्वास्थ्यकर भोजन पैटर्न और बीमारियों के पारिवारिक इतिहास के साथ-साथ स्थिति को और भी बढ़ा सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के के विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादातर समय बैठे रहने की जीवनशैली के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जिन लोगों के पास डेस्क की नौकरियां हैं, वे कुर्सियों पर बैठे हुए अपना अधिकांश कामकाजी समय गुजारते हैं।
यह उनकी मजबूरी है, लेकिन वे नियमित व्यायाम से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। इस साल के शुरू में प्रकाशित एक अध्ययन में अमेरिकी जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में दिखाया गया है कि व्यायाम की कमी मानव शरीर को सेलुलर स्तर तक सीधे प्रभावित करती है। बुजुर्ग महिलाएं जो कम शारीरिक गतिविधि वाले दिन में 10 घंटे से अधिक समय तक बैठती हैं, उनमें ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो आठ साल पहले ही जैविक रूप से वृद्ध होती जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, परिवार में छोटे और क्रमिक परिवर्तन किए जा सकते हैं, ताकि कोई भी बिना व्यायाम के न रहे। वयस्कों की पहल से स्वस्थ जीवनशैली के लिए युवाओं के सामने भी उदाहरण स्थापित होगा। ऐसे परिवर्तन लोगों को वजन कम करने और बेहतर खाने के विकल्प बनाने में भी मदद कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए सत्य है जो इस स्थिति के अनुवांशिक संवेदनशीलता वाले हैं।