ग्वालियर। महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने और शहरवासियों को पानी सीवर की समस्या से निजात दिलाने के लिए महानगर में शुरु ही गई करोडों की लागत वाली अमृत योजना के तहत की गई खुदाई के बाद बनी सडकों ने प्री मानसून की पहली ही बारिश मे गुणवत्त्ता विहीन बनी सडकों की पोल खोल कर रख दी। बीती रात हुई बारिश से चेतकपुरी में एक माह पहले बनी सडक जगह जगह घसक गई। जिसके कारण वाहन फस गए ।यही हाल अन्य स्थानों पर नजर आने लगा है। सडक किनारे कही नालियां नदारत है तो कही नालियों मे कचरा भरा है। जिसके कारण जलभराव होने लगा है। महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगरवासियों को घर घर पानी पहुंंचाने तथा सीवर की समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर में पिछले एक साल से अमृत योजना के तहत लाइन डालने के लिए शहर के अधिकांश इलाकों मे सडकों की ख्ुाुदाई की गई। इस खुदाई के कारण उखडी सडकों को दंश लोगों ने महीनों झेला और लोग हादसों का भी शिकार हुए। समय सीमा मे काम नहीं होने की शिकायत जब भोपाल तब पहुंची तो जैसे तैसे सडकों को बनाने का काम शुरु हुआ।सडकें गुणवता विहीन बन रही इसकी शिकायत भी की गर्ई लेकिन नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदार की साठगांठ के कारण सडके बनाने का काम बिना जांच के होता रहा। उसका परिणाम यह हुआ कि रात हुई बारिश ने हाल ही बनी सडके धसक गई। बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से जगह ज्रगह जलभराव की समस्या पैदा हो गई। अब निगम के अधिकारी एक दूसरे को दोषी ठहराने लगे। जिले के प्रभारी मंत्री ने चार माह पहले अमृत योजना का काम समय पर पूरा करने के निर्दैश भी दिए थे लेकिन उनके आदेश पर भी अमल नहीं हुआ। गुरुवार को दौरे पर आए प्रभारी मंत्री भी शहर व्याप्त समस्याओं को लेकर दिखावे के लिए अधिकारियों की खिचाई करते नजर आए।