प्रतिबंध के बावजूद सोन व अन्य नदियों से रेत का अवैध उत्खनन
शहडोल । बरसात शुरू होने से पहले ही खनन माफिया अपने मुनाफे का कोटा पूरा कर लेने की फिराक में जुटा हुआ है। यही वजह है कि 15 जून से नदियों से रेत उत्खनन पर पाबंदी लग जाने के बावजूद जिले की छोटी-बड़ी नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। जिले के गोहपारू जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम सेमरा में भी गोड़ना और चरुचा नदी से रेत का अवैध कारोबार किये जाने की जानकारी मिल रही है।
एक तरफ जिले के आलाधिकारी कहते हैं कि रेत के अवैध उत्खनन को लगातार कार्रवाई करके रोका जा रहा है, लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि ग्राम सेमरा में गोड़ना और चरुचा नदियों में चल रहे इस अवैध कारोबार पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की नजर अब तक क्यों नहीं पड़ी है। रात के अंधेरे में खनन माफिया नदियों से रेत निकालकर थाना के सामने से धड़ल्ले से परिवहन कर रहे हैं, लेकिन खनन माफियाओं का खौफ होने के कारण प्रशासननिक अधिकारी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। क्योंकि उक्त नदियों पर इन रेत माफियाओं की मर्जी के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
आखिर कौन है आका
सूत्र बताते हैं कि ग्राम सेमरा में गोड़ना और चरुचा नदी से रेत के अवैध कारोबार में उक्त क्षेत्र के लगभग सभी ट्रैक्टर मालिक शामिल हैं। जानकारों का तो यह भी कहना है कि यह सारा खेल पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में ही संचालित किया जा रहा है। बताया जाता है कि सेमरा से शहडोल-रीवा मार्ग पर आजकल सिर्फ रेत के ही ट्रैक्टर निकलते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नदियों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से बेरोक-टोक कथित अवैध व्यापार किया जा रहा है। यह पूरा अवैध कारोबार दिन-रात किया जाता है। दिन में खनन माफिया नदियों का सीना छलनी करके रेत निकाल रहे हैं और रात के अंधेरे में अवैध परिवहन करके रेत का काला कारोबार चला रहे हैं।
यूपी से जुड़े हैं तार
नदियों से निकलने वाली रेत को माफिया गांवों में डंप करने के बाद उत्तर प्रदेश में महंगे दामों पर बेचते हैं। शासन ने 15 जून से नदियों से रेत निकालने का प्रतिबंध लगाया दिया था। फिर भी नदियों से रेत खनन करने के इन मामलों के उजागर होने से शासकीय कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। जिले में जब से रेत का कारोबार शुरू हुआ है तभी से भारी वाहनों का आवागमन होने के कारण शहडोल-रीवा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं रेत के कारोबार से सेमरा के ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जिसके चलते गांव में कभी हादसा हो सकता है।
सड़कों पर उतरने तैयार विधायक
जिले के ब्यौहारी थाना अंतर्गत पोंड़ी में सोन नदी के रेत खदान में प्रतिबंध के बावजूद रेत माफियाओं द्वारा खुलेआम रेत का अवैध खनन व परिवहन किये जाने के मामले में ब्यौहारी विधायक शरद कोल ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने खुद रेत माफियाओं के विरुद्ध शिकायत की है जिस पर कार्यवाही ना होने की वजह से विधायक ने कहा है कि अब हम सड़कों पर उतरेंगे और इन माफियाओं का विरोध खुद जनता करेगी। ब्यौहारी की जनता में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है अब देखना यह है कि आखिर कब तक प्रशासन इन माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही करती है। विधायक के मुताबिक पोंड़ी में सोन नदी से गोविंद नामक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन करीब तीन सौ हाईवा रेत निकाली जा रही है।
गोंगपा ने दी आंदोलन की चेतावनी
जिलान्तर्गत देवलोंद, सुखाड़, समधिन, पोड़ी, नरवार, पटासी, नवलपुर, जरवाही, रूगंटा, झगरहा, बकहो, बकही, बटुरा, बिछिया, रामपुर एवं केशवाही अंतर्गत रेत व कोयला माफियाओं का जाल बिछा हुआ है। मौसम कोई भी हो, प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अधिकारी कोई भी तैनात हो, कार्यवाही बहुत दूर की कौड़ी साबित हो रही है। इस पर जिला प्रशासन को चेताते हुये गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तेजप्रताप उईके ने कहा है कि रेत माफिया आर्थिक लाभ के लिए लगातार जल, जमीन और जंगल को क्षति पहुंचा रहे हैं। फिर भी न जाने क्यों इन खनन कारियों को रोकने की कोशिश नहीं की गई, जबकि प्रशासन के पास तमाम संसाधन मौजूद हैं। जल्दी ही मामले में प्रशासनिक दखल होना चाहिए अन्यथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों को जंगी आंदोलन के लिए उतरना पड़ेगा।