एक ताजा अध्ययन में किया गया दावा
नई दिल्ली । एक ताजा अध्ययन के मुताबिक गर्भ निरोधक का एचआइवी से कोई संबंध नहीं है। यह अध्ययन अफ्रीका की 7800 से ज्यादा महिलाओं पर की गई। अध्ययन के अनुसार कॉपर-आईयूडी और एलएनजी के मुकाबले कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन-डीपीएमए-आईएम का कोई नुकसान नहीं है। इस स्टडी में अलग-अलग तरह के गर्भ निरोधक तरीकों से एचआइवी के खतरे को जांचा गया। इसमे सभी तरीके सुरक्षित और गर्भ रोकने में कामयाब मिले। यह स्टडी हेल्थ जर्नल लैनसेट में छपी है। इस स्टडी में 16 से 35 साल की महिलाओं को तीन तरह के गर्भ निरोधक, आईयूडी और एलएनजी और डीपीएमए का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया। पाया गया कि गर्भ निरोधक के तीरीके का एचआइवी के खतरे से कोई संबंध नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगंठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों में 21 करोड़ से ज्यादा महिलाएं गर्भ रोकना चाहती हैं लेकिन आधुनिक गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल नहीं करती हैं। एक पुराने अध्ययन में कहा गया था कि कुछ गर्भ निरोधकों से एचआइवी का खतरा बढ़ जाता है। अब एक नए अध्ययन ने इस पुराने अध्ययन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।