नई दिल्ली । तीन तलाक विधेयक का लगातार विरोध करते रहे जनता दल यूनाइटेड से भाजपा ने एक बार अपने स्टैंड पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार या उनकी पार्टी का नाम लिए बिना इस मुद्दे को धार्मिक या राजनीतिक नजरिए से ना देखते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए अपना स्टैंड बदलने का आग्रह किया है।
सुशील मोदी ने ये भी नसीहत दी है कि कांग्रेस पार्टी की तरह इस मुद्दे पर गलती ना करें। निश्चित रूप से हर मुद्दे पर बिहार सरकार या नीतीश कुमार का बचाव करने वाले सुशील मोदी ने इस तरह से ट्वीट पार्टी आलाकमान के इशारे पर किया है। हालांकि जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि फ़िलहाल इस मुद्दे पर पुनर्विचार क्यों करे। जहां तक महिला सशक्तिकरण का सवाल है उसपर नीतीश कुमार को ना कोई सलाह और ना उदाहरण चाहिए, क्योंकि महिलाओं के लिए शासन में उनके द्वारा पंचायत से सरकारी नौकरी में आरक्षण के फैसले को कई राज्यों ने अनुसरण किया है।
हाल ही में जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा था, ‘पार्टी समान नागरिक संहिता पर अपने पहले के रुख को दोहराता है। हमारा देश विभिन्न धर्मों के समूहों के लिए कानून और शासन के सिद्धांतों के संदर्भ में एक बहुत ही नाजुक संतुलन पर आधारित है।’ हालांकि, बयान में तीन तलाक विधेयक का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन जेडीयू सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक समान नागरिक संहिता पर उनके रूख के केंद्र में है क्योंकि भाजपा ने मुसलमानों की तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में डालने पर अक्सर जोर दिया है।