नई दिल्ली । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेनाओं के पास युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध हथियारों और बारूद का जायजा लेंगे। साथ ही वह इस बात की भी जांच करेंगे, कि इन उपकरणों की कमी को दूर करने के काम में कितनी प्रगति हुई है। रक्षा सूत्रों के अनुसार इस हफ्ते राजनाथ सिंह एक मीटिंग करने वाले हैं। जिसमें तीनों सेनाएं आपातकालीन प्रावधानों के तहत अपने पास मौजूद हथियार प्रणाली और महत्वपूर्ण उपकरण खरीदने के लिए सरकार द्वारा उन्हें दी गई वित्तीय शक्तियों के बारे में जानकारी देंगी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद सरकार ने सेनाओं को अपनी जरूरत के अनुसार ३०० करोड़ रुपये के उपकरण खरीदने और अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के तीन महीने के भीतर आवश्यक हथियार प्राप्त करने के लिए आपातकालीन शक्तियां दी थीं।
लोकसभा में राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों का वोट बैंक के रूप में उपयोग करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ है तथा ‘एक रैंक, एक पेंशन’ सहित विभिन्न कार्यो के माध्यम से इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने सेवा के दौरान घायल एवं निशक्त हुए जवानों को मिलने वाली पेंशन पर कर लगाने के हाल ही में जारी एक प्रपत्र का विषय उठाया। उन्होंने अभियान के दौरान जान गंवाने वाले केंद्रीय बलों के जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा देने की भी मांग की। सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।’ उन्होंने कहा कि ४० वर्षो से सेना कर्मी एक रैंक, एक पेंशन की मांग कर रहे थे लेकिन उन्हें अंधेरे में रखा गया, गुमराह किया गया। इसे प्रभारी ढंग से हमारी सरकार ने लागू किया। वह निवेदन करना चाहते हैं कि अधीर रंजन चौधरी ने जो प्रश्न उठाया है, उसके बारे में जानकारी एकत्र कर वह सदन को अवगत कराएंगे। इससे पहले इस विषय को उठाने को लेकर सदन में कांग्रेस सदस्यों ने कुछ समय तक शोर शराबा भी किया। विपक्षी पार्टी के सदस्य चाहते थे कि उन्हें यह मुद्दा तुरंत उठाने का मौका दिया जाए। कुछ देर तक जब चौधरी को मौका नहीं मिला तब कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।