ओसाका । अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत को उत्पाद शुल्क घटाने के लिए दिए गए अल्टिमेटम के बाद जी-20 सम्मेलन में गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साफ संकेत दिए कि बैठक में भारत इस मुद्दे पर मजबूती से अपना पक्ष रखेगा। जी-20 की बैठक से इतर ब्रिक्स के नेताओं की बैठक में मोदी ने बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर एकतरफा फैसले और प्रतिद्वंद्विता को प्रमुख चुनौती करार दिया।
मोदी ने विकिसित देशों को ध्यान दिलाते हुए कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में संसाधनों की घोर कमी है। ढ़ांचागत निवेश में ही करीब 1.3 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत है। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी और डॉनाल्ड ट्रंप की शुक्रवार सुबह जापान के ओसाका में मुलाकात हुई। करीब 40 मिनट तक चली इस मुलाकात में पीएम मोदी और ट्रंप के बीच व्यापार, रक्षा संबंधों, 5 जी कम्युनिकेशन और ईरान को लेकर बातचीत हुई। बातचीत से पहले मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईरान, 5 जी, द्विपक्षीय संबंध और रक्षा संबंधों पर बात करना चाहता हूं।
डॉनाल्ड ट्रंप की ओर से अमेरिकी उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटाने की चेतावनी के बीच यह बैठक बेहद अहम थी। डॉनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को जापान पहुंचने से पहले ही भारत को लेकर कड़ा ट्वीट कर अपना अजेंडा स्पष्ट कर दिया था।उन्होंने कहा मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत की ओर से बीते कई सालों से काफी अधिक टैरिफ लगाए जाने और हाल ही में इसे और बढ़ाने को लेकर बात करूंगा। यह अस्वीकार्य है और बढ़ा टैरिफ वापस लिया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापार युद्ध अब बेहद नाजुक दौर में प्रवेश कर गया है। ऐसे में ट्रंप के इस ट्वीट ने दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों में तल्खी खोल दी है। इस द्विपक्षीय बैठक के तुरंत बाद ट्रंप और मोदी की जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ त्रिपक्षीय वार्ता हुई। मोदी और ट्रंप की यह बैठक बेहद खास और अहम थी क्योंकि अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति के तहत ट्रंप अमेरिकी उत्पादों पर भारत की अधिक ड्यूटी को लेकर विरोध जताते रहे हैं।
गुरुवार को भी उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि भारत की ओर से अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया जाना गलत और अस्वीकार्य है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। इसके बाद पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों की मीटिंग को संबोधित किया। पीएम मोदी ने लोगों की निर्बाध आवाजाही का मुद्दा उठाते हुए अमेरिका समेत कई अन्य विकसित देशों को संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा विश्व भर में कुशल कारीगरों का आवागमन आसान होना चाहिए, इससे उन देशों को भी लाभ होगा, जहां आबादी का बड़ा हिस्सा कामकाज की उम्र को पार कर चुका है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की यह टिप्पणी अमेरिका की ओर से एचबी1 वीजा के नियमों को कड़ा किए जाने का संकेत है।