बैंकिंग धोखाधड़ी मामलों पर सीबीआई ने चलाया अभियान
640 करोड़ रुपये की राशि गड़बड़ी से जुड़ा मामला
सीबीआई ने 14 एफआईआर दर्ज की
नई दिल्ली/भोपाल, ईएमएस। देश में आर्थिक अपराधों को रोकने मोदी सरकार ने विशेष अभियान छेड़ दिया है। इसी तारतम्य में केंद्रीय अन्वेशषण एजेंसी (सीबीआई) ने मंगलवार को देशभर में 18 शहरों पर छापामार कार्रवाई की। एजेंसी ने 50 शहरों को निशाना बनाकर यह कार्रवाई की। सीबीआई ने बैंकों के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ विशेष खोजी अभियान के तहत यह छापे मारे। इस दौरान देशभर में इस मामले में 14 केस दर्ज किए गए हैं। सीबीआई सूत्रों का कहना है हि ये मामले 640 करोड़ रुपए के फंड डायवर्जन से जुड़े हुए हैं।
छापेमारी के दौरान सीबीआई के सैकड़ों अफसरों की टीमें 12 प्रदेशों में अलग-अलग ठिकानों पर पहुंची। सीबीआई ने कई कंपनियों के डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स के खिलाफ इन मामलों में एफआईआर की।
यहां मारे गए छापे
सीबीआई ने भोपाल, दिल्ली, मुंबई, लुधियाना, ठाणे, वलसाड़, पुणे, पलानी, गया, गुरुग्राम, चंडीगढ़, सूरत और कोलार समेत कुछ शहरों में छापे मारे।
क्यों मारे गए छापे
सीबीआई को खबर मिल रही थी कई राज्यों में बैंकों में आर्थिक अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। इसके बाद एजेंसी ने यह कारईवाई की।
इधर वित्त मंत्री ने दिया जवाब
आर्थिक धोखाधड़ी के 739 मामले आए सामने
इधर, लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में हुए धोखाधड़ी मामलों की संख्या 739 रही। पिछले वित्तीय वर्ष में यह संख्या 1,545 थी। बैंकों ने बीते पांच सालों में कानूनी कार्रवाई के जरिए नॉन परफॉर्मिंग असेट्स के तौर पर 2 लाख 6 हजार 586 करोड़ रुपए रिकवर किए हैं।
32455 करोड़ रुपए लावारिस
निर्मला सीतारमण ने लोकसभा बताया कि बैंकों में लावारिस पड़े रुपयों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बैंकों और बीमा कंपनियों में 32 हजार 455 करोड़ रुपये बिना दावे वाली रकम (अनक्लेम्ड डिपॉजिट) में शामिल हुई है। यानि इतने रुपयों का कोई मालिक नहीं है। पिछले साल इस राशि में 26.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
ऐसे बढ़ी राशि
बैंकों में 2017 में बिना दावे वाली रकम 11,494 करोड़ रुपए और 2016 में 8,928 करोड़ रुपए थी। 2018 के आखिर तक एसबीआई में अनक्लेम्ड डिपॉजिट अमाउंट बढ़कर 2,156.33 करोड़ रुपए पहुंच गया।