भोपाल। मासम विभाग ने अगले 48 घंटे में मध्यप्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जिन क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है उनमें ग्वालियर, रीवा, सागर व चंबल संभाग का क्षेत्र शामिल है। दरअसल, दक्षिणी उप्र से ऊपरी हवा के चक्रवात ने उत्तरी मप्र की सीमा में प्रवेश किया है। इसका असर मंगलवार सुबह तक बना रहेगा। इसी के चलते भारी व अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जबकि, भोपाल समेत आसपास के जिलों में गरज-चमक व तेज हवा के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक ग्वालियर, रीवा, चंबल और सागर संभाग के गुना, अशोकनगर, दतिया, शिवपुरी, भिंड, टीकमगढ़, सागर, दमोह, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, बालाघाट, नीमच, मंदसौर, नरसिंहपुर, डिंडोरी, अनूपपुर, उमरिया, छतरपुर, झाबुआ व श्योपुर जिले में भारी बारिश होने की संभावना है। प्रदेश के होशंगाबाद जिले में सबसे अधिक 74.4 मिमी बारिश हुई है। यह बारिश 6 जुलाई की सुबह से 7 जुलाई की सुबह के बीच हुई। इसके अलावा उमरिया में भी इस बीच 40.1 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। भोपाल में 9.5 मिमी बारिश ही हुई। मालवा-निमाड़ अंचल में शनिवार को बारिश तो थम गई, लेकिन तबाही का मंजर छोड़ गई। कहीं पुलिया का हिस्सा बह गया तो कहीं गांवों का संपर्क टूट गया। इधर, रविवार को बुरहानपुर में तेज बारिश हुई। थांदला (झाबुआ) में शनिवार रात में हुई बारिश से पद्मावती नदी उफान पर रही। इससे शंभु माता देवगढ, आंबा पाडा, वडलीपाडा आदि गांव का संपर्क टूट गया। करीब छह घंटे बाद नदी का पानी कम होने पर आवागमन शुरू हो पाया। धारके ग्राम छायनखुर्द से कटलावदा मार्ग स्थित पुलिया का एक हिस्सा रविवार सुबह पानी में बह गया। इससे दोनों गावों का संपर्क टूट गया। सूचना मिलने पर प्रशासनिक अमला, प्रधानमंत्री सड़क व आरईएस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि जान जोखिम में डालकर लोग रस्सी के सहारे रास्ता पार कर रहे हैं। आरईएस विभाग ने वर्ष 2007-08 में करीब 35 लाख की लागत से कटलावदा के पास चामला नदी पर यह पुलिया बनाई थी। रतलाम-गोधरा सेक्शन में जेकोट-ओसरा स्टेशन के बीच इंजन में सवार लोको पायलट ने ट्रैक धंसा देखकर तत्काल स्टेशन मास्टर को सूचना इसकी दी। इसके बाद सेक्शन में ट्रेनों की गति 30 किमी प्रतिघंटा से निकालने का कॉशन ऑर्डर जारी किया गया।