नई दिल्ली । बेमौसम या बिना कारण बहुत पसीना आने की कई वजहें हो सकती हैं। दरअसल, माहवारी के वक्त महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, जिसकी वजह से उन्हें रात में पसीना आता है। ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी), कैंसर और डायबिटीज जैसी परेशानियों में रात में पसीना आना भी एक लक्षण होता है। बेहतर है कि ऐसे में डॉक्टर को दिखा लिया जाए। गौरतलब है कि हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित लोगों में पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं, जिसकी वजह से ज्यादा पसीना आने लगता है। भारत में करीब 7 से 8 प्रतिशत भारतीय अधिक पसीना आने की समस्या से पीड़ित हैं। स्वेट ग्लैंड यानी पसीने की ग्रंथियों में गड़बड़ी तनाव, गर्भावस्था, धूम्रपान, रजोनिवृत्ति, मोटापे, कुछ दवाओं के असर और कैफीन युक्त चीजों व मसालेदार भोजन के अधिक सेवन से भी हो सकती है। इसके अलावा किशोरावस्था में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी पसीने की समस्या बढ़ा सकते हैं। बता दें कि चिंता, डर व तनाव आदि में भी ज्यादा पसीना आता है। इस संबंध में त्वचा रोग विशेषज्ञ कुछ मामलों में इंजेक्शन व सर्जरी की सलाह भी देते हैं। यदि पिछले कुछ समय से आपको अधिक पसीना आने लगा है, तो यह ट्यूमर और डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है। बहुत पसीना आना बीपी व हृदय समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। मालूम हो कि शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए शरीर में 25 लाख के करीब पसीने की ग्रंथियां होती हैं। पसीना शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों जैसे एल्कोहल, कोलेस्ट्रॉल और नमक की अतिरिक्त मात्रा को बाहर करने में मदद करता है। इसके साथ ही पसीना कई खतरनाक रोगाणुओं से शरीर का बचाव करता है।