32 दिन मे अदालत ने सूनाया फैसला, जज ने कहा ऐसे लोगो को फांसी की सजा जरुरी ताकि दूसरे लोग ऐसा करने से पहले दस बार सोचे
फैसले से पहले रात भर जेल मे करवटे बदलता रहा दरिंदा, सजा सुनते ही हो गया गुमसूम, मासूम के परिजन भी थे कोर्ट मे मोजूद
भोपाल। भोपाल की विशेष अदालत ने 8 साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के जघन्य हत्याकांड मे दोषी करार दिये जाने के एक दिन बाद दरिंदे को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले की सुनवाई में कोर्ट ने तेजी दिखाते हुए गुरुवार को घटना के 32वें दिन फैसला दिया। जानकारी के अनुसार सजा के ऐलान से पहले जज कुमुदिनी पटेल ने दोषी विष्णु बामोरे (35) से पूछा कि उसे अपने पक्ष में कुछ कहना है तो उसने जवाब दिया- कुछ नहीं। वही कोर्ट मे इस दोरान मृतक मासूम की मॉ ओर बहन भी मोजूद थी, जज ने जब उनसे पूछा की वो कोन सी सजा चाहती है। इसपर मृतक मासूम की मॉ ने कहा की उनकी मासूम बेटी ने बहूत तकलीफ झेली है, ओर आरोपी को फांसी की सजा होनी चाहिये। इसके बाद जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा की ऐसे लोगो को फांसी ही होनी चाहिये, जिससे मासूम बच्चिया खूले मे सांस ले सके ओर ऐसा कृत्य करने से पहले लोग दस बार सोंचे। गोरतलब है की इस केस में पुलिस ने 108 पेज का चालान पेश किया था और 40 लोगों को गवाह बनाया था। कोर्ट ने दरिंदे विष्णु बामोरे को बच्ची के साथ ज्यादती, अप्राकृतिक कृत्य और उसके बाद हत्या की धाराओं में दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। वही बुधवार को विष्णु को अदालत द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद उसे सेट्रंल जेल भेज दिया गया था, ओर गुरुवार को फैसला सुनाया जाना था। इस दोरान फैसलै की रात दरिंदा विष्णु जेल मे डर के कारण रातभर सो नही सका। बताया गया है की वो रातभर करवटे बदलता रहा ओर सूबह उसने नाश्ता भी नही किया, केवल चाय पीकर जेल वाहन मे बैठ गया। सुरक्षा के चलते पुलिस ने उसे कडी चोकसी के बीच अदालत मे पेश किया। उल्लेखनीय है की बुधवार को दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत ने विष्णु बामोरे को दोषी करार दिया था। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर बच्ची के परिजन और तमाम लोग मौजूद थे। दोषी पर हमले की आशंका को चलते कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए। इस मामले में पुलिस ने 17 जून को कोर्ट में 108 पेज का चालान पेश किया था। 19 जून को कोर्ट में आरोप तय हुए। पुलिस ने 40 लोगों को गवाह बनाया था। कोर्ट ने विष्णु बामोरे को बच्ची के साथ ज्यादती, अप्राकृतिक कृत्य और उसके बाद हत्या का दोषी माना। गोरतलब है की 8 साल की मासूम बच्ची भोपाल के कमलानगर इलाके की एक झुग्गी बस्ती में अपने परिवार के साथ रहती थी। वारदात वाले दिन जब वो घर से अपनी दादी के लिए घर के पास मे स्थित किराने की दुकान पर सामान लेने गई थी तो पास में ही रहने वाले विष्णु ने उसे अगवा कर लिया। इसके बाद उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। पकड़े जाने के डर से उसी रात विष्णु ने मासूम की हत्या कर दी। इस बीच मासूम के घऱवाले उसी रात कमलानगर थाने पहुंचे थे। लेकिन बच्ची को तुरंत खोजने से पुलिस ने इनकार कर दिया था। हालांकि मामले के गरमाने पर पुलिस करीब चार घंटे बाद देर रात सक्रिय हुई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बच्ची के पड़ोस में ही रहने वाला युवक दरिंदगी की सारी हदें पार कर चुका था। अगले दिन सुबह करीब पांच बजे घर से 20 कदम की दूरी पर बच्ची को मृत स्थिति में उसके पिता ने नाले के किनारे देखा। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कमलानगर थाने के सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। घटना के बाद पुलिस ने इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले पर बीस हजार का इनाम घोषित करके उसकी तलाश शुरु कर दी थी। सर्चिंग में बच्ची के पड़ोस में रहने वाला युवक विष्णु उर्फ बबलू घर से गायब मिला। पुलिस ने उसकी झुग्गी की तलाशी ली। वहां पुलिस को खून के धब्बे मिले। बच्ची की टूटी हुई चूड़ियों के टुकड़े और बाल भी मिले। 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने विष्णु को खंडवा के पास मोरटक्का के पास से पकड़ लिया। बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर शहर में फैलते ही पीड़ित के घर के बाहर नेता, अफसर व आमजन का जमावड़ा लग गया। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, गैस राहत मंत्री आरिफ अकील व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी पीड़ित के यहां पहुंच कर सांत्वना दी और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। सरकार ने भी इस केस की फास्ट ट्रैक सुनवाई के लिए कोशिश की। पुलिस ने भी तेजी दिखाते हुई कुछ दिनों के अंदर ही कोर्ट में चालान पेश कर दिया और तीस दिन चली सुनवाई के बाद आज कोर्ट ने बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले विष्णु को फांसी की सजा सुनाई।