भिण्ड। कलेक्टर श्री छोटेसिंह की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत लिंक विभागों के साथ कन्वर्जेंस बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अनिल कुमार चांदिल, सीईओ जिला पंचायत श्री आरपी भारती, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अब्दुल गफ्फार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी.एस.कुशवाह, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग श्री संजय गुप्ता, समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी, सीईओ जनपद एवं परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री छोटेसिंह ने बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि जिला अंतर्गत संचालित समस्त विद्यालयों में बालिका शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही आंगनबाड़ी रजिस्टर में पंजीयन अनुसार शत प्रतिशत बालिकाओं का विद्यालय में प्रवेश हेतु अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि ड्रॉप आउट (शाला त्यागी) बालिकाओं के विद्यालय में पुनः प्रवेश हेतु अभियान एवं शाला त्यागी बालिकाओं की सूची शाला त्यागने के कारण सहित तैयार करें ताकि ड्रापआउट बालिकाओं के पुनः प्रवेश के प्रयास किये जा सकें। साथ ही समस्त प्रायमरी, मिडिल, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में पोक्सो एक्ट का प्रचार-प्रसार किया जावे, जिसमें शिकायत पेटी का संधारण हो।
कलेक्टर श्री छोटेसिंह ने कहा कि प्रायवेट स्कूलो में स्कूल संचालकों द्वारा स्वयं दीवार लेखन, बसों में स्टीकर लगाने का कार्य कराए। उन्होंने कहा कि 10वीं में 70 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त करने वाली बीपीएल परिवार की बालिकाओं की सूची एवं बैंक खाता की जानकारी जिससे जरूरतमंद बालिकाओं को अधिकारी/ कर्मचारी/ अन्य समाजसेवी व्यक्तियों एवं संस्थाओं के सहयोग से शिक्षा हेतु गोद लिये जाने की कार्यवाही की जा सकती है। विद्यालयों में माह में एक बार प्रथम मंगलवार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की रैली का आयोजन। साथ ही तीन माह में एक बार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं शिशु लिंगानुपात जैसे विषयों पर जागरूकता हेतु प्रतियोगिताऐं (रंगोली, पेंटिंग, वाद-विवाद, भाषण आदि) की जावे।
कलेक्टर श्री छोटेसिंह ने जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी से बैठक में कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों अंतर्गत समस्त गर्भधारण की ट्रेकिंग कर बालिका होने पर ट्रेकिंग को जन्म के 01 वर्ष तक किया जाना। (जिसके लिये फोर्मेट तैयार किया जाकर आंगनबाड़ी में उपलब्ध कराया जावे।) उन्होंने कहा कि समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में माह में जन्मी बालिकाओं का जन्मोत्सव मनाया जाये। पंच, सरपंच की उत्सव में भागीदारी से बालिका के परिजनों द्वारा बालिका के नाम पर फलदार पौधा लगाया जाये। विगत 01 वर्ष में गर्भपात हुये परिवारों का सर्वे कराया जाकर कारण सहित सूची तैयार करें। शाला त्यागी बालिकाओं के पालकों से समन्वय कर पुनः शाला में प्रवेश हेतु प्रयास करें। उन्होंने कहा कि गाँव में होने वाले विवाहों पर निगरानी रखी जाए। साथ ही बाल विवाह की लगभग 15 दिवस पूर्व प्रशासन को सूचना दें, सूचनाकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाए।
कलेक्टर श्री छोटेसिंह ने समस्त सीईओ जनपदों से कहा कि ग्राम सभा में ग्राम के महिला/पुरूषों को सम्मिलित कर बाल लिंगानुपात पर चर्चा की जावे। (गुड्डी-गुड्डा बोर्ड/सूचना पटल पर 2011 की जनगणना अनुसार ग्राम का लिंगानुपात एवं वर्तमान में प्रतिमाह जन्मे बालक-बालिका की संख्या दर्ज कर, ग्राम स्तर से सुधार के प्रयास किये जावें। उन्होंने कहा कि बालिका जन्मोत्सव ,रैली, शपथ आदि कार्यक्रमों का आयोजन करें तथा बालिका के नाम पर फलदार पोधा लगवायें तथा बालिका के परिजनों को बालिका तथा पौधों के महत्व से अवगत करायें। कलेक्टर श्री सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन किया जावे एवं व्यापक प्रचार-प्रसार की भी आवश्यकता है। साथ ही ग्राम स्तर पर शत प्रतिशत बालिकाओं का टीकाकरण सुनिश्चित करें एवं शत प्रतिषत संस्थागत प्रसव के प्रयास करें। बैठक में जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री महेन्द्र सिंह अम्ब द्वारा बैठक में उपस्थिति अधिकारीगणों का अभिवादन कर योजना अंतर्गत की अपेक्षित गतिविधियों से अवगत कराया।