भोपाल । मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निम्न दाब के गैर घरेलू और औद्योगिक (पॉवर) उपभोक्ताओं के परिसरों का व्यापक चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में उपभोक्ता परिसर में विद्युत भार (लोड) में वृद्धि के प्रकरण पकड़े जा रहे हैं। कंपनी द्वारा विद्युत भार की वृद्धि स्वेच्छा से कराने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे स्वैच्छिक आवेदन कर भार वृद्धि करा लें।
क्या है विद्युत भार
बिजली कंपनी में नवीन कनेक्शन के लिए जब कोई व्यक्ति अधिकृत आवेदन देता है, तो उसके परिसर में भार (लोड) की गणना कर भार निर्धारित किया जाता है। इस प्रक्रिया में नया कनेक्शन देने के लिए बिजली कर्मचारी परिसर का लोड सर्वे करते हैं। यह भार (लोड) विद्युत प्रणाली में जोड़ा जाता है इसलिए इसे संयोजित भार या कनेक्टेड लोड कहा जाता है।
भार की सही गणना
उपभोक्ता को बिजली कंपनी के साथ सहयोग कर भार की सही गणना कराना चाहिए जिससे विद्युत प्रणाली सुचारू रूप से संचालित की जा सके। उपभोक्ता द्वारा परिसर में कनेक्शन लेने के कुछ अन्तराल बाद कुछ नये विद्युत उपकरणों को स्थापित कर भार बढ़ा लिया जाता है। यदि यह बढ़ा भार बिजली कंपनी के कार्यालय में स्वीकृत नहीं करवाया जाता है तो चैकिंग के दौरान भार वृद्धि का प्रकरण बन जाता है और उपभोक्ता को जुर्माना भरना पड़ता है।
चैकिंग में पकड़े जाने पर जुर्माना
यदि उपभोक्ता के परिसर में भार वृद्धि का प्रकरण मिलता है तो ऐसे उपभोक्ताओं पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। बढ़े हुए भार की आनुपातिक खपत पर दो गुनी दर से शुल्क वसूली का प्रावधान है। साथ ही विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के अंतर्गत भी चैकिंग में अतिरिक्त भार पाए जाने पर ऐसे अतिरिक्त भार को संयोजित करने की दिनांक से बढ़े हुए भार की आनुपातिक खपत पर दोगुनी दर से पेनाल्टी लगाने का प्रावधान है।
विद्युत भार वृद्धि के लिए यह करें
विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे बिजली कंपनी के नज़दीकी जोन/वितरण केन्द्र में जाकर निर्धारित प्रारूप में भार वृद्धि का आवेदन प्रस्तुत करें। 10 किलोवाट तक के विद्युत भार के लिए क्षेत्र के जोन कार्यालय एवं 10 किलोवाट से अधिक भार के लिए क्षेत्र के संभागीय कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन दें।