जिला बलौदा बाजार के बिलाईगढ़ विकासखंड अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत रायकोना में उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है जोकि सिर्फ कागजों में ही सीमित है वहां की जमीनी हकीकत कुछ और ही बताती हैं उप स्वास्थ्य केंद्र रायकोना में जाकर पता चला कि उप स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य अधिकारी रामकुमार साहू के द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र को नहीं खोला जाता वही मनमानी रूप से संचालित कर रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि उप स्वास्थ्य केंद्र को नहीं खोला जाता है तथा बोलने पर बीएमओ से बात कर लो करके बोला जाता है उप स्वास्थ्य केंद्र की बात की जाए तो ना तो वहां शौचालय बना है और नहीं पानी की व्यवस्था है साथ ही साथ दरवाजे खिड़की भी टूटे हुए हैं उप स्वास्थ्य केंद्र को बंद हुए इतने दिन हुए हैं कि मेन गेट के सटर पर लगे हुए ताले में जंग लग गया है यह जंग इस बात का सबूत है कि उप स्वास्थ्य केंद्र रायकोना में संचालित होते हुए भी आम जनताओं के लिए नहीं खोला गया है साथ ही साथ बाहर की बात की जाए तो बाउंड्री वॉल की सुविधा नहीं है इस कारण स्वास्थ्य केंद्र शराबियों का अड्डा बना हुआ है स्वास्थ्य केंद्र के मेन गेट पर नाश्ते के पैकेट शराब की बोतल डिस्पोजल एवं पानी पाउच के समान मिले जो इस बात को पूरी सच्चाई के साथ बयां करती है कि उप स्वास्थ्य केंद्र रायकोना में संचालित होते हुए भी रामकुमार साहू के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है और मरीजों को सुविधा नहीं दिया जा रहा केंद्र को बंद करके रखा गया है वही अपने निजी कार्य तथा अन्य कार्य में व्यस्तता देखी जा रही है शासन की इस मरीजों के लिए बनाए गए उप स्वास्थ्य केंद्र को बंद करके रामकुमार साहू के द्वारा मनमानी तौर पर संचालित किया जा रहा है लेकिन क्या इसकी जिम्मेदारी ग्रामीणों की है या फिर शासन-प्रशासन की जो उप स्वास्थ्य केंद्र मरीजों के लिए बनाया गया है उनकी सुविधाओं के लिए देखते हुए संचालित किया गया है तो उनकी असुविधा के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है इसके संबंध में रामकुमार साहू जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र सोमवार और शुक्रवार को खुलता है बाकी दिन हम लोग फीळड पर जाते हैं ग्रामीणों का बयान बिलकुल झूठा है साथ ही साथ वहां शौचालय की व्यवस्था लाइट की व्यवस्था साफ सफाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण हम लोग उप स्वास्थ्य केंद्र को नहीं खोलते हैं अब देखने वाली बात यह है कि इस तरह से सरकार की नीतियों को आम जनता के हित में लाने के बजाय ऐसे सहायक डॉक्टरों के द्वारा मनमानी तौर पर उप स्वास्थ्य केंद्र को बंद करके रखने के लिए सरकार तथा ऊपरी अधिकारी क्या कड़ी कार्रवाई कर पाते हैं साथ ही साथ उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है उसको ग्रामवासियों की सुविधाओं के अनुसार खोला जा सकता है।