देवभूमि कहा जाता है केरल को। चारों ओर फैली बेशुमार हरियाली और प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। कहीं नारियल पेड़ तो कहीं केले के, हरे-भरे चाय बागान, गर्म मसालों की खुशबू, घने जंगल और अरब सागर का अद्भुत सौंदर्य देखते ही बनता है। मंदिरों में बजती घंटियां तो घर के मुख्य दरवाजों पर रंगोली बना कर शाम को रखा जाता जलता दीया भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत कुछ सिखा जाता है। केरल की इस यात्रा में हमारा पहला पड़ाव कोच्चि था।