दंतेवाड़ा- गीदम के जावंगा में संचालित आस्था में चल रहे विवाद को लेकर आज देवती महेंद्र कर्मा ने पत्रकारों के सामने अपना पक्ष रखा। मंगलवार को आदिवासी नेता बोमड़ा राम कवासी ने देवती कर्मा को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए देवती कर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने कभी शिक्षा को लेकर कभी राजनीति नहीं की। आस्था किसी की व्यक्तिगत संस्था नहीं है। बोमड़ा राम ने कहा है कि गलत काम करने पर जूते का माला पहनाकर विदा किया जाएगा। एक शिक्षक को जूते का माला पहनाने का अधिकार श्री कवासी को किसने दिया यह समझ से परे है। उन्होंने आगे कहा कि एक जनप्रतिनिधि को पूरा अधिकार है कि वह किसी भी संस्था का निरीक्षण कर सकते हैं। विपक्ष में रहते हुए भी हमनें हमेशा शिक्षा, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। बोमड़ा के अनर्गल बयानबाजी से लगता है कि आस्था के प्राचार्य के साथ उनकी गहरी सांठ-गांठ है। उनके इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि उन पर दबाव डालकर इस तरह का बयान दिलवाया जा रहा है।
देवती कर्मा ने आगे कहा कि श्री कवासी मुझे राजनीति करना ना सिखाए। मैं जब तक जिंदा हूँ, बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर लड़ती रहूंगी। एजुकेशन हब में बोमड़ा राम का योगदान सराहनीय है, लेकिन इतने संवेदनशील मुद्दे को लेकर इस तरह की बयानबाजी उनकी छोटी सोच को दर्शाता है। बोमड़ा राम को बनायबाजी के बजाए आस्था की स्थिति सुधारने का प्रयास करना चाहिए।