वार्डों में लगे एसी-कूलर
पटना : दिमागी बुखार से 19 दिनों में 151 बच्चों की मौत के बाद एसकेएमसीएच प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खुल गई है। वर्षों से जो काम नहीं हुए, उसे अब दो दिनों में पूरा कर लिया गया है। इसके लिए रोगी कल्याण समिति से भी झटपट राशि मिल गई। बुधवार को पीआईसीयू के साथ सामान्य शिशु वार्ड को चकाचक कर दिया गया। जनरल शिशु वार्ड दो में 16 कूलर और पीआईसीयू में तब्दील किये गए वार्ड एक में 16 एसी लगाये गए हैं। जगह-जगह दो दर्जन से अधिक डस्टबिन रखे गए हैं। सफाई के मद्देनजर पीआईसीयू में मरीज के साथ एक परिजन को जाने के नियम का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। अन्य के पीआईसीयू में अंदर प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
इस तरह पांचों पीआईसीयू को बेहतर कर दिया गया है। पहले पीआईसीयू में परिजन जूता-चप्पल पहनकर घुस जाते थे, लेकिन अब इसपर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस बारे में नर्सों को भी कड़ी हिदायत दी गई है। पूर्व में इन समस्याओं को कई बार उठाया गया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसे हल्के में ले रहा था। अब साफ-सफाई बेहतर ढंग से की जा रही है। इसके लिए नगर निगम से एक दर्जन सफाई कर्मियों को लगाया गया है। वहीं अस्पताल में कई जगहों पर साफ पानी की भी व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, लाखों खर्च लगाया गया वाटर रेफ्रिजरेटर लगाने के कुछ ही दिनों में खराब हो गया है। इसके अगल-बगल कूड़ा जमा हो गया है। यह व्यवस्था एईएस का प्रकोप फैलने से पहले की गई होती तो दर्जनों बच्चों की जानें बचायी जा सकती थीं। हालांकि, अब भी डॉक्टर व नर्स की कमी से झेल रहे अस्पताल में मरीजों की इलाज में समस्या आ रही है। जनरल वार्ड एक को पीआईसीयू बनाने के बाद सामान्य मरीजों के लिए बेड की कमी हो रही है। जनरल मरीजों के लिए आईसीयू भी नहीं रहा। अब भी बीमार बच्चों की संख्या अधिक होने से एक बेड पर दो-दो बच्चों को रखकर इलाज किया जा रहा है।