द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा वैद्यनाथ सहित प्रांगण के सभी 21 मंदिरों में भगवान को अर्पित होने वाला जल अब नाले में नहीं बहेगा। भक्तों की आस्था और शहर का जलस्तर सुधारने के लिए इस पवित्र जल का संचय किया जाएगा। नगर निगम ने इसकी डीपीआर तैयार कर ली है। तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को प्रस्ताव भेजा गया है। 1.35 करोड़ की प्रस्तावित योजना में जल को शुद्ध बनाए रखने के लिए ईटीपी लगाए जाएंगे और तालाब का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। इसके अलावा 5,091200 रुपये से तालाब तक पाइप लाइन बिछेगी।
देवघर नगर निगम की ओर से शुरू किए गए इस प्रयास से जहां भक्तों की आस्था मजबूत होगी, वहीं ड्राई जोन में तब्दील हो चुके बाबा मंदिर क्षेत्र के कुछ हिस्सों का जलस्तर बढ़ेगा। मानसरोवर तालाब में स्वच्छ जल की समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा। वर्तमान में मानसरोवर तालाब के चारों ओर पर्यटन मंत्रालय की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर करोड़ों रुपए की लागत से क्यू-कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य चल रहा है। इस वजह से गत कई वर्षों से राजामान सिंह की ओर से खुदवाया गया ऐतिहासिक मानसरोवर सूखा पड़ा है।