अमरावती आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के सत्ता से बेदखल होने के बाद एक के बाद एक मुसीबतें मुंह बाएं खड़ी हैं। अब अमरावती स्थित घर से सटी इमारत प्रजा वेदिका को बुधवार तड़के तोड़ दिया गया। इस इमारत को गिराने का आदेश राज्य के नए सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कुछ दिन पहले दिए थे। उन्होंने कहा था कि यह इमारत गैर-कानूनी है और ऐसी सभी इमारतों को गिराने के लिए चलाए गए अभियान के तहत सबसे पहले इसको तोड़ जाएगा। यह इमारत नायडू सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 8 करोड़ रुपये की कीमत से बनी थी। नायडू के बंगले से सटे इस कॉन्फ्रेंस हॉल में अधिकारियों के साथ बैठकें की जाती थीं। यहीं पर पूर्व सीएम लोगों से मिलते थे। यह हॉल काफी बड़ा था और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस था। अमरावती में कृष्णा नदी के किनारे बने नायडू के बंगले और इस इमारत का दरवाजा भी एक ही था।
सरकार बदलने के बाद इसे लेकर चर्चा था कि अगर नई सरकार प्रजा वेदिका का इस्तेमाल करती है तो आखिर नायडू उस बंगले में कब तक रहेंगे। हालांकि, जगन ने उसके अंदर बैठक कर उस इमारत को ही तोड़ने का ऐलान कर सबको दंग कर दिया था। जगन का दावा है कि इमारत गैर-कानूनी थी और इसके निर्माण की इजाजत नहीं थी। जगन ने कहा था सिंचाई विभाग के एग्जिक्युटिव इंजिनियर ने इमारत के लिए इजाजत नहीं थी थी लेकिन नदी से जुड़े नियमों का उल्लंघन कर फिर भी इसका निर्माण किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इमारत के निर्माण के लिए टेंडर भी नहीं दिया गया। साथ ही, शुरुआत में इसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये लगाई गई थी लेकिन बनते-बनते इसमें 8 करोड़ से भी ज्यादा रुपये लग गए। वहीं, इस फैसले प्रतिक्रिया पर देते हुए नायडू ने कहा, ‘इस खूबसूरत इमारत को तोड़ना एक बेवकूफाना फैसला है। हमने सरकार से आग्रह किया था कि इसे छोड़ दें क्योंकि इसका इस्तेमाल विपक्ष के नेता के तौर पर हम कर सकेंगे। अगर वे हमें नहीं देना चाहते थे तो खुद इसका इस्तेमाल कर सकते थे।’