नई दिल्ली। ईरान के मुद्दे पर आज अमेरिकी सीनेट में अहम दिन है। आज अमेरिकी सीनेट ईरान पर हमले के लिए ट्रंप के अधिकारों को सीमित करने के लिए मतदान करेगी। लेकिन इससे पहले ही फ्रांस ने इस मुद्दे पर अमेरिका को जबरदस्त झटका दिया है। दरअसल, फ्रांस ने साफ कर दिया है कि यदि ईरान से युद्ध में अमेरिका ने नाटो सेना का इस्तेमाल किया तो यह अच्छा नहीं होगा। आपको यहां पर ये भी बता दें इस मुद्दे पर फ्रांस ही नहीं बल्कि जर्मनी भी अमेरिका से काफी खफा है। ईरान से हुई परमाणु डील को खत्म करने के बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की थी। हालांकि, यह वार्ता विफल रही और ट्रंप परमाणु डील के मु्द्दे पर एक कदम भी पीछे हटने के लिए नहीं माने थे। फ्रांस की तरफ से आया ताजा बयान भी इसी राह पर एक अगला कदम माना जा रहा है।
फ्रांस की तरफ से जिस तरह का बयान दिया गया है कि उससे साफ है कि अमेरिका ने यदि ईरान पर युद्ध थोपा तो कहीं न कहीं फ्रांस और दूसरे देश न सिर्फ इसका विरोध करेंगे, बल्कि यह लड़ाई भी ट्रंप को अकेले ही लड़नी होगी। यहां पर एक बात और स्पष्ट हो जाती है कि यदि युद्ध छिड़ा तो इसके व्यापक परिणाम झेलने होंगे। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु डील से तोड़ने के बाद ईरान से किसी भी तरह के तेल व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसकी वजह से मजबूरन भारत और चीन को अपनी जरूरत का तेल खरीदने के लिए दूसरे देशों को तलाशना पड़ रहा है। यहां पर ये भी खास है कि तेल के क्षेत्र में ईरान और वेनेजुएला दोनों ही बड़ा नाम थे, लेकिन इन दोनों से ही अमेरिका ने दुश्मनी मोल ले ली है। इन दोनों से ही अमेरिका के संबंध बेहद खराब हो चुके हैं। इसका असर कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार पर भी देखने को मिला है।