भोपाल। प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार में आदिवासियों की योजनाओं में रुपयों की जमकर बंदरबांट हुई। इसका खुलासा धीरे-धीरे हो रहा है। एक ही बिल पर दो-दो बार करोड़ों4 का भुगतान कर दिया गया। इतना ही नहीं, एडवांस राशि का समायोजन किए बिना ही भुगतान कर दिए गए। कमलनाथ सरकार के आने के बाद ऑडिट में मिली गड़बड़ी पर पिछले हफ्ते करीब 50 अफसरों को नोटिस थमाए गए हैं। बड़वानी में जनजातीय कार्यालय सहायक आयुक्त के यहां से अजजा विद्यार्थियों को आवास के लिए दी जाने वाली राशि एक ही नाम पर दो-दो बार निकली गई। ई-ट्रेजरी के मिलान में 1.40 करोड़ की यह गड़बड़ी पकड़ में आई तो हड़कंप मच गया। ऐसी ही गड़बड़ी की आशंका पर अब दूसरे जिलों में पड़ताल की जा रही है।
जांच में पकड़ी गड़बड़ी
महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर हर साल विभागों का इंटरनल ऑडिट करता है। इसी के तहत ऑडिट टीम ने आदिवासी विभाग के कार्यालयों की बीते तीन महीनों में जांच की है। इसमें आदिम जाति कल्याण विभाग के 50 से ज्यादा कार्यालयों में पैसे की हेरा-फेरी पकड़ी गई। यह ऐसी गड़बड़ी है, जो पूर्व में भी ऑडिट आपत्ति में उठाई गई, लेकिन विभाग ने इसे दरकिनार कर दिया। इस बार जब आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम आदिवासी बच्चों के होस्टलों का निरीक्षण करने निकले, तो उन्होंने हॉस्टलों की बदहाली पर नाराजगी जताई थी। आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का कहना है कि पिछली भाजपा सरकार के समय आदिवासियों की योजनाओं में केवल भ्रष्टाचार हुआ है। हम उनकी गड़बडिय़ों को दूर करके सिस्टम सुधार रहे हैं। होस्टल के निरीक्षणों में कई जगह कमियां मिली थीं, उनको दूर करने के लिए कहा था। अब सामने आए मामलों की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।