ऊमरी। जिला मुख्यालय से ़17 किमी दूर ढाई हजार की आबादी वाले माेतीपुरा गांव में आजतक सड़क नहीं बन पाई। सालभर तो लोग जैसे-तैसे अपना काम चला लेते हैं लेकिन बारिश के सीजन में सबसे ज्यादा मुसीबत उठानी पड़ती है। मोतीपुरा से पांडरी रोड तक का पौने दो किमी का रास्ता बारिश में पूरी तरह दलदल में तब्दील हो जाता है। शुक्रवार को गांव के गोपीनाथ त्रिपाठी की 55 वर्षीय प|ी शकुंतला देवी को सिर में दर्द हुआ। वे गांव के एक डॉक्टर से दवा लेकर घर लौट रहीं थी कि चबूतरे पर फिसलकर गिर पड़ीं। उनका पैर टूट गया। इसके बाद उन्हें भिंड जिला अस्पताल तक ले जाना था लेकिन मोतीपुरा से पांडरी रोड तक का पौने दो किमी का रास्ता ऐसा नहीं था कि कोई वाहन भी निकल पाए। इसलिए परिजन ने उन्हें चारपाई पर लिटाया और कंधों के सहारे लेकर चलने लगे। ग्रामीण प्रमोद यादव कहते हैं कि विस चुनाव से पहले ऊमरी से माेतीपुरा गांव तक के लिए 70.15 लाख की लागत से राेड मंजूर हुअा था। लेकिन इस सड़क का काम अाजतक शुरू नहीं हाे पाया। इस कारण बारिश भर यहां के लाेगाें काे इसी तरह परेशान हाेना पड़ेगा।