भिण्ड। गणाचार्य विराग सागर महाराज के परम् प्रभावक शिष्य मेडीटेशन गुरू विहसंत सागर महाराज ने बरासो अतिशय क्षेत्र पर कलश चातुर्मास स्थापना के अवसर पर प्रवचनों में कहा कि वर्षा काल का वह समय जब जीव जन्तु वर्षा के कारण जमीन से बाहर विचरण करने लगते है ऐसे समय मेें संतजन जीव दयामात्र को लेकर जीवों की हिंसा न हो एक स्थान पर बैठकर वर्षा काल के समय चार माह तक एक निश्चित सीमा को बांधकर कलश की स्थापना करते है उस कलश के सामने संतजन एवं श्रद्धालूगण जाप्यानुष्ठान कर उस कलश की शुद्धि करते है और वही कलश जो स्थापना के समय श्रद्धालूगण बोली को लगाकर चातुर्मास के पश्चात् अपने अपने घर को ले जाते है। मुनि ने कहा कि यह बरासो अतिशय प्राचीन क्षेत्र है जहां रातों रात देवों ने मंदिर का निर्माण किया ऐसा प्राचीन मंदिर जिसमें जो प्रतिमा विराजमान है उस पर कोई भी चिन्ह अंकित नही है ऐसे प्राचीन क्षेत्र पर 2500 वर्षों के इतिहास में पहली कलश चातुर्मास स्थापना होने जा रही है। यह चातुर्मास इस क्षेत्र के जीर्णोद्धार के नाम लिखा जायेगा। मेडीटेशन गुरू विहसंत सागर जी महाराज, मुनि विश्व सूर्य सागर महाराज के कलश स्थापना के अवसर पर दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, इटावा, गोरमी, मेहगांव, गोहद, मुरैना, भिण्ड आदि स्थानों से पधारे श्रद्धालूओं ने कलशों की बोली लेकर कलशों को बुक कराये जिसमें प्रथम कलश मुकेश जैन दिल्ली ने पॉच लाख एक हजार एक सौ ग्यारह एवं द्वितीय कलश पवन जैन पत्रकार ग्वालियर ने दो लाख इक्यावन हजार एक सौ ग्यारह एवं तृतीय कलश लालू जी दिल्ली दो लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपये की बोली लेकर बुक कराया। इस अवसर पर सांसद संध्याराय जी, पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, नगर पालिका उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा, सुमेर जैन, मुकेश जैन आदि लोग उपस्थित थे। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मनोज जैन ने बताया कि भिण्ड की उपनगरी बरासो के प्राचीन अतिशय क्षेत्र पर मेडीटेशन गुरू विहसंत सागर महाराज इस वर्ष का चातुर्मास करने जा रहे है। जो अपने इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित करेगे क्योकि इस पावन धरा पर आज तक किसी भी संतजन ने चातुर्मास नही किया इस चातुर्मास को लेकर ग्राम के नगर वासियों में बढ़ा ही उत्साह देखने को मिल रहा है।