नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना आने वाले दिनों में और अधिक मजबूत हो रही है। क्योंकि भारतीय वायुसेना रूस से 18 यानि एक स्क्वाड्रन सुखोई-30 मल्टीरोल फ़ाइटर जेट खरीदने की तैयारी में है। रूसी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस सौदे पर दोनों देशों के बीच चर्चा जारी है। रूसी सूत्रों ने बताया कि ये सौदा फास्ट ट्रैक रूट से हो रहा है इसलिए फ़ाइटर जेट्स को फैसला होने के जल्द बाद भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाएगा। बता दें कि भारतीय वायुसेना प्रमुख एय़र चीफ़ मार्शल बीएस धनोवा भी 9 से 12 जुलाई तक रूस की यात्रा पर हैं।
भारत ने 90 के दशक में रूस से 272 सुखोई 30 का सौदा किया था,जिनमें से 50 को रूस में और बाकी को भारत में तैयार करना था। ये कार्यक्रम अपने तय समय से चल रहा है और भारतीय वायुसेना में 200 से ज्यादा सुखोई शामिल हो चुके हैं। रूस से आने वाले नए 18 सुखोई से वायुसेना की एक स्क्वाड्रन तैयार होगी। रूस से उसके स्टोर में रखे हुए 20 मिग-29 अपग्रेड ख़रीदने की बातचीत भी अपने आखिरी दौर में है। ये मिग-29 भारत को बहुत कम क़ीमत में मिल रहे हैं। फ़िलहाल 50 मिग-29 की तीन स्क्वाड्रन भारतीय वायुसेना में हैं। मिग-29 भी एक मल्टी रोल फ़ाइटर जेट है, जिस भारतीय वायुसेना ने 1985 से शामिल करना शुरू किया था।
भारतीय वायुसेना इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है। भारतीय वायुसेना में स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन की तादाद घटकर अब 31 स्क्वाड्रन की रह गई है। इनमें मिग-21 60 के दशक का और जगुआर 70 के दशक में वायुसेना में शामिल हुआ था। स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस अपने उत्पादन के शुरुआती दौर में है और अभी उसकी एक स्क्वाड्रन की पूरी नहीं हो पाई है। फ्रांस से 36 रफाल फ़ाइटर खरीदे गए हैं, जिनके इस साल सितंबर में वायुसेना को मिलने और अगले मई तक भारत आने की संभावना है। इनसे दो स्क्वाड्रन बनेंगी, जिन्हें अंबाला और पासीघाट में तैनात किए जाने की संभावना है।