लंदन।एक शोध में पाया गया है कि समय से पहले पैदा हुए जिन बच्चों को मां का दूध पिलाया गया, उनका दिमाग अन्य की तुलना में ज्यादा बेहतर ढंग से विकसित हुआ। समय से पहले जन्म का संबंध दिमाग की संरचना में बदलाव के साथ है। यह सरंचना दिमाग की कोशिकाओं को एक-दूसरे से संवाद करने में मदद मिलती है। इसे ‘व्हाइट मैटर’ कहा जाता है। ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोध में यह परिणाम सामने आया कि समय से पूर्व जन्मे जिन बच्चों को दिन के तीन चौथाई समय में स्तनपान कराया गया, उनके दिमाग की कनेक्टिविटी में ज्यादा सुधार देखने को मिला। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के जेनिफर ब्राउन रिसर्च लैबोरेटरी के निदेशक जेम्स ब्रॉडमैन ने कहा, ‘हमने शोध में पाया है कि समय से पूर्व पैदा हुए उन बच्चों का दिमाग कुछ ही हफ्तों में ज्यादा बेहतर तरीके से विकसित हुआ, जिन्हें मां का दूध पिलाया गया।’ उन्होंने कहा, ‘यह शोध कि समय पूर्व जन्मे बच्चों को शुरुआत में ही पौष्टिक आहार की जरूरत को दर्शाता है। इससे आगे चलकर भी उनकी सेहत सुधर सकती है।’समय से पहले जन्मे बच्चों की सेहत को कई तरह के खतरे रहते हैं। इनमें आगे चलकर उनमें सीखने की क्षमता का कम होना भी शामिल है। इसका संबंध दिमाग के विकास से ही माना जाता है। ब्रॉडमैन ने कहा, ‘समय से पूर्व जन्मे बच्चों की मां को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अगर वे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराती हैं, तो शिशुओं का दिमाग विकसित होने में मदद मिलेगी।’ इस अध्ययन के लिए शोध टीम ने कई शिशुओं के दिमाग का स्कैन किया। ये बच्चे 33 हफ्ते से पहले पैदा हुए थे। इस शोध में उन बच्चों का स्वास्थ्य ज्यादा बेहतर रहा, जिन्हें मां का दूध पिलाया गया था। अध्ययन में कहा गया है कि मां का दूध समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए वरदान साबित हो सकता है। बच्चों को शुरुआत में कराए गए स्तनपान से आगे चलकर भी उनका स्वास्थ्य ठीक रहा।