परिषद को मिलने वाला अनुदान 2 लाख से बढ़कर होगा 5 लाख : आलोक
भोपाल । शासन कई संस्थाओं को जमीन आवंटित करता है जिस पर वे सामाजिक गतिविधियां संचालित कर सके, लेकिन कुछ चुनिंदा संस्थाएं ही होती हैं जो अपने उद्देश्य के अनुसार कार्य कर पाती हैं। योग अनुसंधान परिषद भी एक ऐसी ही संस्था है। शासन ने इस संस्था को मात्र 7 हजार स्क्वा. फीट का प्लाट आवंटित किया था जिस पर इस संस्थान ने करोड़ों का भवन बनाकर हजारों लोगों का योग और प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार किया है। ऐसी संस्थाएं समाज में अनूठा उदाहरण पेश करती हैं। हम जल्द ही प्रयास करेंगे कि योग अनुसंधान परिषद को शासन की ओर से कम से कम 10 एकड़ जमीन आवंटित की जाए। जिस पर एक विशाल प्राकृतिक एवं योग चिकित्सालय, प्रशिक्षण केन्द्र तथा शिक्षा केन्द्र आकार ले।
उक्त सम्बोधन म.प्र. शासन के जनसम्पर्क एवं विधि विधायी मंत्री पी.सी. शर्मा ने व्यक्त किया। अवसर था योग अनुसंधान परिषद के प्रांगण में परिषद के प्रथम अध्यक्ष विश्व चैम्पियन डॉ. के.एम. गांगुली जी और संस्थापक महासचिव प्रो. गोविन्द प्रसाद गुप्ता की प्रतिमा के अनावरण का। उक्त भव्य समारोह की अध्यक्षता कर रहे भोपाल नगर निगम के महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि परिषद गरीब एवं असहाय मरीजों का उपचार के लिए जो पुरुषार्थ का कार्य कर रही है उसे देखते हुए नगर निगम भोपाल से परिषद को मिलने वाले अनुदान की राशि 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाती है। उन्होंने परिषद प्रांगण में विशाल शेड निर्माण की भी घोषणा की। इस अवसर पर परिषद के अध्यक्ष सिकंदर अहमद, उपाध्यक्ष रमेश साहवानी, महासचिव सुनील सोनी, कोषाध्यक्ष लीलेन्द्र मारण, पूर्व अध्यक्ष एच.पी. जायसवाल, पूर्व कोषाध्यक्ष ठाकुरलाल शर्मा सहित परिषद के सदस्य और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।