नई दिल्ली । कभी मुनाफा कमाने वाली आधा सैकड़ा से अधिक देश की सरकारी कंपनियां की अब आर्थिक तंगी से चलते खराब हालातों से गुजर रही हैं। उनकी हालत पिछले तीन साल से लगातार खराब होती जा रही है। जहां 2015-16 ऐसी कंपनियों की संख्या 48 थी, वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 56 हो गई है। इन सब कंपनियों में एयर इंडिया पहले पायदान पर है। इन 56 कंपनियों में जिनकी हालत सबसे ज्यादा खस्ता हुई है उनमें एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, भेल इलेक्ट्रिकल मशीन लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं। इन सभी 56 कंपनियों की नेटवर्थ 2017-18 में माइनस 88,556 करोड़ रुपए रही। वहीं इनका कुल नुकसान एक लाख 32 हजार 360 करोड़ रुपए रहा। इन तीन सालों के दौरान एयर इंडिया का घाटा सबसे शीर्ष पर रहा। कंपनी की नेटवर्थ माइनस में 24,893 करोड़ रुपए रही, वहीं नुकसान 53,914 करोड़ रुपए का रहा। भारी उद्योग मंत्री अरविंद गणपत सावंत ने कहा कि पीएसयू विभाग ने रिवाइवल और रिस्ट्रक्चरिंग पर जोर दिया है। सरकार अपनी तरफ से ऐसी कंपनियों में फिर से पैसा कमाने के नए तरीकों पर काम कर रही है। सरकार ने छह कंपनियों के रिवाइवल को अपनी मंजूरी दे दी है। इनमें ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजल निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान स्टीलवर्क्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, रिचार्डसन एंड क्रूडडास लिमिटेड, नेपा लिमिटेड, हुगली प्रिंटिंग लिमिटेड और कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड शामिल हैं।