धर्म और ईश्वर पर आस्था रखने वाले के लिए तो स्वर्ग और नर्क का विशेष महत्व होता है। इसलिए सामान्यजन के मन में सवाल आता है कि किस काम को करने से धरती पर ही नर्क या स्वर्ग बन जाता है? इस सवाल पर... Read more
(लेखक – ओमप्रकाश मेहता) अब इसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नाराजी दूर करने का प्रयास कहा जाए या अपने दल के चुनावी घोषणा-पत्र को मूर्तरूप देने का प्रयास किंतु यही वास्तविकता है कि प्रधा... Read more
धर्म कोई भी हो, लेकिन आस्थावान को अपने भाग्य पर उतना ही भरोसा होता है जितना कि जीवन और मरण में। वैसे भी मानव समाज में भाग्य को वो स्थान प्राप्त है जो कि किसी अन्य को हो नहीं सकता है। ऐसा इसल... Read more
“गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर : । गुरु साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम: ।।” आषाढ़ मास की पूर्णिमा को “गुरु पूर्णिमा” कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा... Read more
किसी भी देश या समाज का भविष्य बच्चों को माना जाता है। बच्चे जितने स्वस्थ और ज्ञान-वान होंगे देश का भविष्य उतना ही सुनहरा होगा। इसलिए प्रत्येक दौर में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बरकरार रही ह... Read more
कांग्रेस के युवा अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले 2 वर्षों में पार्टी संगठन में जान फूंकने के लिए काफी मेहनत की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़े आक्रमक ढंग से हम... Read more
जीवन में प्रेम का साक्षात्कार महत्वाकांक्षा जीवन को ज्वरग्रस्त करने का मार्ग है। फिर क्या और कोई रास्ता नहीं हो सकता? रास्ता है। वह रास्ता है प्रेम का, महत्वाकांक्षा का नहीं। संगीत से प्रेम... Read more
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरूआत 11 जुलाई 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद् द्वारा हुई थी। दरअसल 11 जुलाई 1987 तक वैश्विक जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब के भी पार हो चुका... Read more
(लेखक-विवेक कुमार पाठक ) ग्वालियर में जनभागीदारी से जरुरतमंद बच्चों को स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए सार्थक प्रयास हुआ है। ग्वालियर दक्षिण से पहली दफा चुने गए युवा विधायक प्रवीण पाठक ने इसके... Read more
संविधान सभा में देवनागरी में लिखी जाने वाली हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। स्वाधीनता आन्दोलन के सहभागी रहे हमारे नेता जिनके प्रयासो से हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया... Read more
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