दतिया। जिले में १८ जून से से २४ जून २०१९ तक एक कदम सशक्तिकरण की ओर सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज १९ जून को प्रात: ७ बजे से जिला चिकित्सालय दतिया में स्वच्छता कार्यक्रम एवं प्रात: ११:०० बजे से सम्मान समारोह का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से रेडक्रॉस सोसायटी दतिया में किया गया। जिला चिकित्सालय में आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से किया गया जिसमें स्वास्थ्य विभाग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके शर्मा एवं चिकित्सालय का स्टॉॅॅफ तथा महिला बाल विकास से जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अरविन्द उपाध्याय एवं उनकी टीम ने जिला चिकित्सालय में झाडू लागाकर पडी हुई गंदगी को साफ करते हुये उपस्थित जन समुदाय को बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संदेश दिया । इसी क्रम में रेडक्रॉस सोसायटी में वे माता-पिता जिन्होने अपनी बेटी को वारिस बनाया है उनके सम्मान हेतु सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा विभाग से डीपीसी अशोक त्रिपाठी उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता आलोक सोनी, सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा की गई। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द उपाध्याय, वन स्टॉप सेन्टर प्रशासक श्रीमती सलमा कुरैशी, परियेाजना अधिकारी एस० के० निरंजन आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द उपाध्याय ने जिले में चल रहे सशक्तिकरण सप्ताह अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बताते हुये कहा गया कि सशक्त नारी ही परिवार व समाज की प्रगति की आधार शिला है इस हेतु शासन की मंशानुसार महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम व योजनाएँ संचालित हैं। सशक्तिकरण सप्ताह अंतर्गत महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु प्रयास किया जायेगा कि अधिक से अधिक महिलाये, बालिकाएं उक्त योजनाओं का लाभ उठाकर सशक्त बनने की ओर अग्रसर हों। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री अशोक त्रिपाठी ने उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुये बेटी बोझ नहीं बल्कि वरदान हैै। वर्तमान समय में बेटियॉ न केवल अपने परिवार बल्कि समाज एवं देश का नाम हर क्षेत्र में प्रकाशित कर रहीं हैं। इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री आलोक सोनी ने सभा को सम्बोधित करते हुये बताया कि लिंगानुपात को समान करने हेतु सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे सामाजिक संगठनों, शासन एवं जन सामान्य को मिलकर जागरूकता की अलख जगाना होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को बेटा एवं बेटी की परवरिश में समानता का भाव रखना चाहिए।