दुकानदार, रेस्तरां और छोटे कारोबारी भी वाईफाई सेवा ग्राहकों को उपलब्ध करा सकेंगे। सरकार इसके लिए पीसीओ की तर्ज पर पीडीओ मॉडल पर काम कर रही है। इसमें दुकानदार और कारोबारी समय के हिसाब से एक निश्चित कीमत पर वाईफाई सेवा देंगे। दूरसंचार नियामक ट्राई ने वाईफाई हॉटस्पॉट का दायरा बढ़ाने के लिए पब्लिक डाटा ऑफिसेज (पीडीओ) लगाने का मॉडल पहले भी तैयार किया था, लेकिन दूरसंचार कंपनियों के तीखे विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया था।
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि हम पीडीओ मॉडल को दोबारा लाएंगे। हम इसमें बड़े पैमाने पर किराना दुकानदारों को जोड़ेंगे। साइबर कैफे के मौजूदा नियमों के तहत ऐसे पीडीओ बनाए जाएंगे और इनके संचालकों को पब्लिक डाटा ऑफिस एग्रीग्रेटर (पीडीओए) कहा जाएगा। ये वाईफाई इंटरनेट सेवाएं देने के हकदार होंगे।
हालांकि दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि इससे पहले ही कर्ज में डूबे उद्योग को वित्तीय नुकसान होगा और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता होगा। दरअसल, सरकार ने नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशंस पॉलिसी के तहत देश के सभी नागरिकों को 50 एमबीपीएस की ब्रॉन्डबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। पीडीओ के जरिये इस लक्ष्य को पाया जा सकता है।