ग्वालियर । अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में पीड़ित को राहत के वितरण में विलम्ब नहीं होना चाहिए। अत्याचार के प्रकरणों में अधिकारी गंभीरता से कार्रवाई करें। संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने शनिवार को मोतीमहल के मानसभागार में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए हैं। बैठक में आईजी चम्बल श्री डी पी गुप्ता, कलेक्टर ग्वालियर श्री अनुराग चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भसीन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने कहा कि ग्वालियर संभाग के सभी जिलों में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरणों के निराकरण में कलेक्टर नियमित मॉनीटरिंग करें। पीड़ित को राहत राशि का वितरण समय पर हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि राहत के प्रकरणों में जाति प्रमाण-पत्र के कारण विलम्ब नहीं होना चाहिए। सभी कलेक्टर प्रति सोमवार आयोजित होने वाली बैठक में डीएसपी अजाक को बुलाकर प्रमाण-पत्रों के संबंध में समीक्षा करें और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर प्रमाण-पत्र जारी कराएं।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने बैठक में यह भी निर्देशित किया कि जो प्रकरण ग्वालियर अथवा अन्य जिलों के न होकर संभाग के बाहर के जिलों के हैं, उनमें संबंधित जिलों के कलेक्टरो को प्रकरण भेजकर निरंतर मॉनीटरिंग करें। पीड़ित को राहत मिले, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि अत्याचार निवारण अधिनियम की बैठक प्रत्येक तीन माह में हर जिले में आयोजित की जाना है। सभी जिलों में कलेक्टर प्रत्येक तीन माह में बैठक अवश्य आयोजित करें।
संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने बैठक में निर्देशित किया है कि राहत के जिन प्रकरणों में न्यायालय में अपील करने की आवश्यकता है। उनमें अधिकारी अपील करने की कार्रवाई भी समय रहते करें। बैठक में आईजी चम्बल श्री डी पी गुप्ता ने भी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राहत के प्रकरणों में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। पीड़ित को समय पर राहत और न्याय मिले, यही हमारा कार्य है।