वायुसेना किसी प्रकार के हमले का मुंहतोड जबाब देने को तैयार (बीएस धनोवा)
ग्वालियर । कारगिल युद्ध की २० वीं वर्षगां’ के अवसर पर आयोजित कार्यकम मे पधारे एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि कारगिल युद्ध के समय वायुसेना के मिराज जैसे विमानों ने लेजर गाइडेड बमों से पाकिस्तान की सेना को कारगिल की ऊंची चोटी टायगर हिल पर भी नाकों चने चबबा दिये थे। उन्होने कहा कि बीस सालों में वायुसेना ने मिराज को और अपग्रेड कर उसकी ताकत को बढाया है। उन्होंने कहा कि आदेश मिलते ही वायुसेना किसी प्रकार के हमले का मुंहतोड जबाब देने को तैयार है। उन्होने कहा कि मिराज २००० ने कारगिल युद्ध के दौरान ऊंची पहाडी पर बै’े दुश्मनों को लेजर गाइडेड बम गिरा कर नेस्ताबूत कर दिया। इसके साथ ही सेना ने भी अदम्य साहस का परिचय देते हुए बोफोर्स तोप से दुश्मन के दांत खटटे किये थे। धनोवा ने बताया कि काफी पुराने हो चुके मिराज को अपग्रेड करने की जरूरत महसूस हुए। उस समय डीआरडीओ ने उस मिराज में तीन तकनीकी कमियों को दूर कर पहली बार एलजीबी को ले जाने और लक्ष्य भेदने के लिए तैयार किया था। इन लोगों ने २४ घंटे काम कर इस मिराज लडाकू विमान को अपग्रेड किया। वहीं उलजीबी का प्रयोग कारगिल युद्ध में मिराज विमान से किया गया जो सफल रहा। अब वायुसेना को २० वर्ष और हो गये हैं और वायुसेना के पास अन्य सुखोई जैसे विमान भी हैं। एक प्रश्र के उत्तर में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने कहा कि उस समय पाक का उददेश्य क्या था , वह उस समय भी हमने अपनी वायुसेना से उददेश्य की प्राप्ति की और अब फिर पूरी शिददत के साथ उददेश्य को प्राप्त करेंगे। यदि राफेल होता तो बालाकोट में और बेहतर होता जैसा बयान देने के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ऐसा प्रपोजल था। चीन और रशिया के पास पांचवी पीढी के विमान होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह अभी पांचवीं पीढी के लिये संघर्ष रत हैं हम डीआरडीओ के माध्यम से अगले दस वर्षों में पांचवी पीढी के पास होंगे। इसके लिए एडवांस मीडियम काम्बेक्ट एयरक्राफ्ट एएमसीए तैयार कर लेंगे। एक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि कारगिल से पहले सेना और बीएसएफ पाकिस्तान बार्डर पर चौकसी करती थी । हम कारगिल के बाद से निगरानी करते हैं। एक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि पहले हमारे पास जगुआर जैसे विमान थे वह वापस आने पर उसकी रील निकाल कर फिल्म को पेस्ट करके डेवलप कर बनाना पडता था। अब हमें रीयल टाइम से लेकर अन्य जानकारी तत्काल ही विमानों में उन्नत तकनीक से मिल जाती हैं। बालाकोट के बाद से क्या घुसपै’ बंद हैं और बालाकोट के बाद पाक के विमानों ने पीछा कर हमले का प्रयास किया था के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि बालाकोट के बाद पाक के विमान पीछे आए लेकिन उनकी भारत के किसी भी एयरपोर्ट पर हमला करने की हिम्मत नहीं वहीं एलओसी पार करने तक की हिम्मत नहीं थी। हमने सिर्फ दो ढाई घंटे अपने एयरपोर्ट बंद किये उसके बाद से वह शुरू कर दिये थे। वहीं पाकिस्तान ने तो कई दिनों तक अपने एयरपोर्ट बंद रखे थे। वहीं पाकिस्तान की आर्थिक हालत आज क्या हो गई है और भारत की क्या है इसे भी देखना होगा। इस अवसर पर सीएनसी सेन्ट्रल एरिया कमांड राजेश कुमार और वेस्टर्न एरिया कमांड के आर नाम्बियार मौजूद थे। यह दोनों ही एयर मार्शल कारगिल युद्ध में अपने जौहर पराक्रम दिखा चुके हैं।