नई दिल्ली । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का आरोप है कि पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों का काफी उत्पीड़न हो रहा है। उन पर अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं और उनकी बेटियों को जबरन धर्मांतरण कर मुस्लिम बनाया जा रहा है। आरोप है कि उनका शारीरिक शोषण भी हो रहा है। ऐसे में कई हिंदू परिवार अपनी जान और इज्जत बचाने के लिए पाकिस्तान से भाग कर हिंदुस्तान आ रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की मांग है कि इन हिंदुओं के लिए भारत में रहने के लिए कानून बनाया जाए और उन्हें सामान्य नागरिकों की तरह जीने के अधिकार दिए जाएं जिससे उनकी जिंदगी सामान्य तरीके से चल सके। विहिप नेता इसके लिए हर दल के सांसदों से मिलकर ऐसा कानून बनाने के लिए उनके समर्थन की मांग करेंगे।
विहिप के केंद्रीय मंत्री (विदेश विभाग) प्रशांत हरतालकर ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं की स्थिति बहुत खराब है। समुचित पहचान पत्र न होने के कारण उन्हें काम करने और सम्मानजनक जिंदगी जीने में परेशानी आ रही है। इसलिए उनकी केंद्र सरकार से मांग है कि इन लोगों के लिए शीघ्र एक कानून बनाया जाए जिससे वे सम्मानपूर्ण जिंदगी जी सकें। प्रशांत हरतालकर के मुताबिक वे देश के हर दल के सांसदों से मिलकर इन हिंदू परिवारों के लिए कानून बनाने की मांग करेंगे। इसके लिए शुक्रवार २८ जून से १४ अगस्त तक वे चार-पांच लोगों के प्रतिनिधि मंडल में सभी दलों के सांसदों से मुलाकात करेंगे। विहिप का आरोप है कि आजादी के समय पाकिस्तान में लगभग १६ फीसदी अल्पसंख्यक आबादी थी। इसमें हिंदू, सिख, इसाई और पारसी शामिल थे। लेकिन आज यह आबादी लगभग दो फीसदी ही रह गई है। इसी समय के दौरान जबकि मुस्लिम समुदाय की आबादी लगातार बढ़ती रही है। इस बात का जवाब देने वाला कोई नहीं है कि इसी दौरान अल्पसंख्यकों की आबादी कम क्यों होती गई। विहिप का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार के असहयोग के कारण विश्व मानवाधिकार आयोग भी इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है।