लीड्स । विश्व कप में अब तक एक भी मैच नहीं खेल पाये रविन्द्र जडेजा ने इसके बाद भी अपनी लाजबाब फील्डिंग से टीम को अहम योगदान दिया है। एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने जेसन रॉय का शानदार कैच पकड़कर टीम को पहला विकेट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस विश्व कप में जब भी उन्हें सब्सिट्यूट फील्डर के रूप में बुलाया गया उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित की है। फिर चाहे वह 30 गज के दायरे में फील्डिंग कर रहे हों या बाहर, उन्हें फील्डिंग करते देखना दर्शकों के लिए सुखद अनुभव होता है। इसके अलावा जडेजा को फील्ड पर देख विरोधी बल्लेबाज के दिमाग में हमेशा रन आउट का भय भी बना रहता है।अगर भारत ने अपने आखिरी लीग मैच में दूसरे स्पिनर को मौका देने का फैसला किया भी तो श्रीलंका के खिलाफ युजवेंद्र चहल के साथ कुलदीप यादव को अवसर मिलने की संभावनाएं अधिक हैं।
अभी तक देखें तो यह विश्व कप स्पिनर्स के लिए अच्छा नहीं रहा है। विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में तेज गेंदबाज सबसे आगे हैं। इस विश्व कप में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्पिनर्स में शाकिब अल हसन और युजवेंद्र चहल हैं जो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में 15वें और 16वें स्थान पर हैं। इन दोनों ने अभी तक विश्व कप में 11-11 विकेट लिए हैं। मैदान की परिस्थितियां स्पिनर्स के लिए अधिक मददगार नहीं रही हैं। इन हालातों में भारतीय टीम भी अब तीन तेज गेंदबाजों के आक्रमण के साथ ही मैदान पर उतरेगी। ऐसे में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर के रूप में चहल का दावा अधिक मजबूत है हालांकि जडेजा एक अनुभवी क्रिकेटर हैं। उन्होंने 41 टेस्ट, 151 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 40 टी20 अंतरराष्ट्री मुकाबले खेले हैं। मैदान पर उनकी मौजूदगी ही जोश भर देती है। उनकी उर्जा भी देखने लायक होती है।