केन्द्र सरकार ने आज आगामी वर्ष का वित्तीय लेखा जोखा संसद में प्रस्तुत कर दिया। इस वित्तीय आर्थिक योजना में देश के विकास के लिए एक नवीन संकल्पना का प्रस्फुटन परिलक्षित हो रहा है। देश को जिस प्रकार के बजट की आशा थी, बजट भी उसी प्रकार की अवधारणा को साकार करने वाला कहा जा रहा है। केन्द्र सरकार का यह बजट एक नए भारत के उदय का संकेत करने वाला है। नए भारत के उदय का तात्पर्य है कि केन्द्र सरकार का यह बजट गांव, गरीब और किसान के उत्थान पर आधारित है। यह देश की वास्तविकता है कि आज इन तीन वर्गों की दशा और दिशा अत्यधिक चिंतनीय है, जबकि यह तीन अंग देश के विकास की आधारशिला हैं। अगर प्रारंभ से ही इन तीन वर्ग पर सरकार का ध्यान रहा होता तो आज देश चित्र कुछ और ही होता। लेकिन कहा जाता है कि भगवान के देर है, अंधेर नहीं। संभवत: इसी उक्ति को वर्तमान केन्द्र सरकार चरितार्थ कर रही है। सरकार ने अपने बजट में इन तीन पर ज्यादा जोर दिया है।
केन्द्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने के बाद राजग सरकार ने अपने प्रथम बजट में जहां किसानों के उत्थान का पूरा ध्यान रखा है, वहीं मध्यम वर्ग का जीवन व्यतीत करने वाले समाज के समक्ष भी राहत भरी आशा का संचार किया है। बजट प्रस्ताव में सरकार की ओर से कहा गया है कि मध्यम वर्ग को मकान खरीदने के लिए छूट दी जाएगी, वहीं देश में आवासहीन परिवारों को आगामी वर्ष में लगभग दो करोड़ आवास दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सरकार ने देश की एक और ज्वलंत समस्या बंरोजगारी को समाप्त करने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार ने नए रोजगार पैदा करने का विश्वास दिलाया है। मुद्रा ऋण योजना को भी और प्रभावी किया जाने का भी प्रस्ताव है। इस योजना के अंतर्गत जो युवा बेरोजगार हैं, उन्हें सरकार ऋण देकर नए रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहन देने जा रही है। यह योजना देश के विकास के लिए एक मील का पत्थर प्रमाणित होगी, यह लगने लगा है।
सरकार ने बजट में यूं तो बहुत प्रावधान किए हैं, लेकिन एक खास प्रावधान यह भी है कि देश के ऐसे छोटे दुकानदार, जिनके पास अल्प आय का माध्यम केवल दुकान ही है, ऐसे दुकानदारों को सरकार ने पेंशन देने का प्रस्ताव भी दिया है। सरकार का यह कदम छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति सुधारने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह बात सही है कि कोई भी योजना तभी सार्थक और सकारात्मक परिणाम देने वाली होती है, जब सरकार को संचालित करने वाले नीति नियंताओं की नीयत ठीक होती है। इस सरकार ने पहले भी इस बात का विश्वास दिलाया है कि सरकार और प्रशासनिक स्तर पर किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा। इस बात के ठोस प्रमाण उस समय भी मिल गए थे, जब सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही करने का साहस किया था। आज भी इस पर विचार मंथन चल रहा है। इसलिए यह पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि सरकार की ओर से बजट के माध्यम से देश का चित्र बदलने का जो खाका तैयार किया जा रहा है, वह पूर्ण रुप से आमूलचूल परिवर्तन का आधार बनेगा। सरकार की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन जिन अधिकारियों के द्वारा किया जाता है, वह अगर अपने कर्तव्य का पालन सही तरीके से करेंगे तो देश में योजनाओं का लाभ भी जनता तक पहुंचने का मार्ग तैयार होगा।
(लेखक- सुरेश हिन्दुस्थानी )