10 में से एक व्यक्ति को होता है मृत्यु का अनुभव
सिडनी । अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि मृत्यु के करीब पहुंचे लोगों को तमाम अध्यात्मिक एवं अन्य भौतिक संवेदनाएं महसूस होती हैं। वे खुद को शरीर से बाहर निकलता हुआ महसूस करते हैं। यही नहीं उन्हें अजीब चीजें दिखाई और सुनाई देती हैं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें अजीब विचार आते हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि 10 में से एक व्यक्ति को मृत्यु का अनुभव होता है। मृत्यु के करीब पहुंचे लोग अनुभवों में अपनी आंखों के सामने जीवन को बेहद चमकता हुआ देख रहे होते हैं। ऐसे लोग समय को जीवित व्यक्ति की तरह नहीं महसूस करते, उन्हें समय धीमा या विकृत प्रतीत होता है। अध्ययनकर्ताओं ने यह भी देखा कि मृत्यु के करीब का अनुभव उन्हीं लोगों को होता है जो मौत के नजदीक लेकिन उसके खतरे से बाहर होते हैं। इनमें अक्सर हार्ट अटैक, कार दुर्घटना या डूबने की स्थितियों का सामना कर रहे लोग होते हैं। अध्ययन के मुताबिक, मृत्यु के करीब पहुंचे लोगों में 87 फीसदी को असामान्य समय की अनुभूति हुई जबकि 65 फीसदी को असाधारण विचारों का अनुभव हुआ। 63 फीसदी ऐसे थे जिन्हें अजीब चमक की अनुभूति हुई जबकि 53 फीसदी ने खुद को शरीर से निकलता हुआ महसूस किया। अधिकांश लोगों ने बिल्कुल शांति का अनुभव किया। लोगों ने बताया कि ऐसा लगा जैसे उनकी आत्मा को किसी ने खींच लिया हो। कुछ ने स्वर्गदूतों का गायन तो कुछ ने भड़कदार रौशनी में पहुंचने से पहले खुद को अंधेरी सुरंग में बताया था। कई लोगों ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा जैसे कोई राक्षस उनके सीने पर बैठ गया हो जिससे वे हिलने डुलने में खुद को असमर्थ पा रहे थे। कुछ लोगों ने सोने से पहले किसी के मौजूद होने की बात कही। अध्ययन की रिपोर्ट यूरोपियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की बैठक में रखी गई। अध्ययन में मौत के करीब के अनुभव को अप्रिय बताने वालों की दर ज्यादा पाई गई। 73 फीसदी ने मृत्यु के नजदीकी अनुभव को अप्रिय बताया जबकि 27 फीसद ने बेहद आनंदायी अनुभूति की बात कही। मालूम हो कि मौत का कोई वक्त नहीं होता। यह कहीं भी किसी भी वक्त आ सकती है लेकिन मौत को लेकर किए गए अध्ययन में यह चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। मौत के नजदीक पहुंचने वाले लोगों को पूरी दुनिया में एक जैसा ही अनुभव होता है। लगभग 35 देशों में यह ताजा अध्ययन किया गया है।