नई दिल्ली। कर्नाटक में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी विधायक नए सिरे से विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौपेंगे। इसके लिए बागी विधायक बेंगलुरु पहुंच गए है और उन्होंने स्पीकर से मुलाकात की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस आशय की याचिका पर कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर को गुरुवार शाम 6:00 बजे तक फैसला लेने को कहा था। इस पर स्पीकर केआर रमेश ने सुप्रीम कोर्ट से समय की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया। दूसरी ओर, कर्नाटक विधानसभा में 11 से 14 जुलाई तक धारा 144 लागू किया गया है।
कांग्रेस के बागी विधायकों ने कहा कि वे अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को नए सिरे से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। न्यायालय के निर्देश के अनुसार, हम बेंगलुरु पहुंचे है। विधायकों ने यह भी कहा कि वे अब भी कांग्रेस में हैं और सिर्फ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। साथ ही बागी विधायकों ने इस प्रकरण में भाजपा की किसी चालबाजी से इनकार किया है। हमारे फैसले में कोई बदलाव नहीं आया है।
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्पीकर को उनके इस्तीफों पर फिर से फैसला लेना होगा। साथ ही बागी विधायकों को गुरुवार शाम 6:00 बजे तक स्पीकर के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस्तीफे पर स्पीकर आदेश जारी करेंगे और शुक्रवार को आदेश की कॉपी सुप्रीम कोर्ट में जमा होगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को सभी विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने के भी निर्देश दिए।
मुझ पर लगाए आरोप गलत : स्पीकर
कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने कहा कि मुझ पर इस मामले में धीमी जांच करने और विधायकों के आने से पहले भाग जाने के आरोप लगे हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम 202 के आधार पर इस्तीफों की जांच की गई। 8 सही प्रारूप में नहीं थे। 6 जुलाई को मैं अपने ऑफिस में दोपहर 1:30 तक था। विधायक वहां 2:00 बजे आए। उन्होंने कोई अप्वाइंटमेंट नहीं लिया था। यह कहना गलत है कि मैं विधायकों के आने से पहले भाग गया।
विधायकों को पैसा दिया गया, हालात इमरजेंसी से भी खराब : देवेगौड़ा
जेडीएस प्रमुख देवेगौड़ा ने कहा कि स्थिति आपातकाल से भी खराब है। भाजपा किसी भी तरह दक्षिण के राज्य में सत्ता में आना चाहती है। जब से कुमारस्वामी ने कांग्रेस के समर्थन से सीएम पद संभाला है तभी से राज्य के भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा हमारे विधायकों को तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा के पास बहुमत नहीं है, तब उन्होंने हमारे 10 विधायकों से इस्तीफा दिलवा दिया। मुझे लगता है कि ताजा हालात इमरजेंसी से भी बदतर हैं।
ममता बोली, भाजपा कर रही है खरीद-फरोख्त की कोशिश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि संविधान खतरे में है और हम भाजपा के इस अहंकारी रवैये की निंदा करते हैं। भाजपा खरीद फरोख्त की कोशिश कर रही है। ममता ने कहा कि अगर खरीद फरोख्त जारी रही तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। हमारा संविधान खतरे में है। हमारी संघीय संरचना खतरे में है। यह संविधान का टूटना है। हम लोकतंत्र की लड़ाई के लिए क्षेत्रीय पार्टियों और बाकियों का समर्थन करते हैं।
ज्योतिरादित्य बोले, भाजपा कर रही है लोकतंत्र की हत्या
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और गोवा में भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। भाजपा ने ऐसे प्रयास पहले भी किए हैं। लेकिन, कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की ही सत्ता में रहेगी। सिंधिया ने हमलावर रुख में आगे कहा कि भाजपा अगर चुनाव सीधे तरीके से नहीं जीत पाती है तो दूसरे तरीके से जीतने का प्रयास करती है।
दलबदल पर बने सख्त कानून : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को विधायकों को तोडऩे वाले सख्त कानून की वकालत की। मायावती ने ट्वीट किया कि भाजपा एक बार फिर कर्नाटक व गोवा आदि में जिस प्रकार से अपने धनबल व सत्ता का घोर दुरुपयोग करके विधायकों को तोडऩे आदि का काम कर रही है। यह देश के लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है। अब समय आ गया है जब दलबदल करने वालों की सदस्यता समाप्त हो जाने वाला सख्त कानून देश में बने।
संसद के समक्ष सोनिया-राहुल सहित कई सांसद धरने पर
कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक महाभारत में राज्य सरकार के संकट को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को संसद परिसर में धरना दिया। कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी भी मौजूद हैं। पार्टी के कई आला नेता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त कर कर्नाटक सरकार गिराना चाहती है। कांग्रेस कहना है कि वह गोवा में कांग्रेस विधायकों के मुद्दे को भी उठाएगी। साथ ही संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस कर्नाटक और गोवा के मुद्दे पर विरोध जताएगी।