मुंबई । बजट एयरलाइन इंडिगो के दो प्रमोटर्स के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है, जिसका फायदा इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी स्पाइसजेट को मिलृ रहा है। स्पाइसजेट का शेयर मई में बढ़कर 14.8 फीसदी पर पहुंच गया है जो इससे पिछले महीने 13 फीसदी पर था। इंडिगो के मालिक इंटरग्लोब का शेयर 50 फीसदी से गिरकर 49 फीसदी पर आ गया है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। अप्रैल में जेट एयरवेज के उड़ानें बंद करने के बाद स्पाइसजेट को इसके अधिकतर मेट्रो रूट्स मिले हैं। एयरलाइन को आने वाले महीनों में इसका फायदा मिलने लगेगा। इंडिगो के प्रमोटर्स के बीच तनातनी और बढ़ सकती है। दोनों प्रमोटर्स के पास कंपनी में लगभग समान होल्डिंग है। राहुल भाटिया के पास 38 फीसदी और राकेश गंगवाल के पास 37 फीसदी हिस्सेदारी है। स्पाइसजेट के केवल एक प्रमोटर अजय सिंह हैं और विश्लेषक उन्हें एक महत्वाकांक्षी व्यक्ति के तौर पर देखते हैं। स्पाइसजेट की ग्रोथ का अनुमान अधिक रहने के कारण बाजार मं इसका पूंजीकरण बढ़ सकता है। पांच वर्ष पहले दिवालिया होने के कगार पर पहुंचने के बाद स्पाइसजेट ने अजय सिंह की अगुवाई में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। स्पाइसजेट अपने बेड़े में 64 और विमान जोड़ने की योजना बना रही है। इसके बाद इसके विमानों की कुल संख्या 135 हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि अगले वित्त वर्ष में अधिक क्षमता रखने वाली एयरलाइंस की ग्रोथ बढ़ सकती है। स्पाइसजेट की पैसेंजर ग्रोथ अगले दो वित्त वर्ष में 95 फीसदी रह सकती है।