रांची। झारखंड के सरायकेला जिले में मॉब लिंचिग का शिकार हुए तबरेज अंसारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तबरेज की मौत सिर पर लगी चोट के चलते ब्रेन हैमरेज की वजह से हुई थी। तबरेज अंसारी के मामले में पुलिस के रोल पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भीड़ जब अंसारी को थाने लेकर आई तो पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया, लेकिन शिकायत में उन पर हुए हमले का जिक्र तक नहीं किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन डॉक्टरों ने तबरेज का इलाज किया, उन्होंने ठीक से जांच नहीं की थी। एक्स-रे रिपोर्ट में उसके सिर की हड्डी टूटी हुई पाई गई लेकिन ब्रेन हैमरेज के लिए उनका इलाज नहीं किया गया. उन्हें जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि भीड़ ने तबरेज से कथित तौर पर जय श्री राम और जय हनुमान कहने का दबाव बनाया गया। हमलावरों ने इस पूरे घटना का वीडियो भी बनाया था। बाद में तबरेज को 18 जून को चोरी के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और 22 जून को तबरेज की मौत अस्पताल में हो गयी।
इधर, तबरेज के चाचा मकसूद आलम ने कहा है कि वह अपने भतीजे से पुलिस स्टेशन के लॉक-अप में मिले थे। वह बहुत कमजोर था और मुश्किल से बात कर पा रहा था। उन्हेंविश्वास नहीं हो रहा है कि उन्होंने पुलिस को पिटाई के बारे में कभी नहीं कहा। पुलिस ने जानबूझकर सच को छिपाया, क्या पुलिसवाले अंधे थे, जो उन्होंने यह नहीं देखा कि वह बुरी तरह से पीटा गया था? डॉक्टरों ने उसका दर्द क्यों नहीं देखा?
ज्ञातव्य हो कि तबरेज अंसारी के मामले की गूंज संयुक्त राष्ट्र तक भी पहुंची है। एक एनजीओ ने यह बात यूएन में उठाई थी। एनजीओ द्वारा कहा गया है कि तबरेज अंसारी को झारखंड में भीड़ ने जय श्री राम के नारे ना लगाने की वजह से मार दिया। इसे लेकर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट किया था।