नई दिल्ली । केंद्र सरकार भीड़ हिंसा के खिलाफ केंद्रीय स्तर पर कानून बनाने के पक्ष में नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, गृहमंत्रालय ऐसी किसी सिफारिश पर गौर नहीं कर रहा है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त कानून हैं और राज्यों को इस संबंध में सख्ती से पेश आना चाहिए। पिछली सरकार में भीड़ हिंसा पर एक मंत्री समूह का गठन किया गया था। गृहसचिव की अध्यक्षता में भी एक समिति बनाई गई थी। इन समितियों की रिपोर्ट का सरकार ने कोई स्टेटस सार्वजनिक नहीं किया है। सूत्रों ने कहा, गृहमंत्रालय ने राज्यों को ऐसे मामलों से कड़ाई से निपटने के लिए पहले ही निर्देश दिए हैं। फिलहाल राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की जा रही है। केंद्र का मानना है कि अगर राज्य सख्ती से पेश आएं तो ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं। उन्हें केंद्र पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है।
कई सुझाव आए थे सामने
सूत्रों ने कहा, पिछली सरकार के दौरान केंद्रीय स्तर पर कानून बनाने और मॉडल कानून बनाकर राज्यों को भेजने का सुझाव आया था लेकिन सरकार के स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ।