दस, नौ, आठ…शून्य और रच उठा इतिहास। गगनभेदी आवाज के साथ चंद्रयान-2 को लेकर बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क 3 उड़ चला नीले आकाश की ओर। धरती पर मानो सब कुछ थम सा गया। भारतीयों के अरमान सातवें आसमान पर। दुनिया भारत की इस हैरतअंगेज सफलता पर चकित रह गई।
15 तारीख को तय उड़ान से पहले तकनीकी खामी पर अभियान को रोकने के फैसले पर मीन-मेख निकालने वालों को हमारे वैज्ञानिकों ने करारा जवाब दिया। एक हफ्ते के भीतर सकुशल लॉन्चिंग करके भारतीय वैज्ञानिक मेधा का शानदार प्रदर्शन किया। दुनिया चमत्कृत है, हम सब आह्लादित। बस 48 दिन बाद जैसे ही चांद पर लैंडर ने आसन जमाया और रोवर के पैर वहां की जमीन पर थिरके तो हम भी अमेरिका, रूस और चीन के विशिष्ट क्लब में शामिल हो जाएंगे।