अवैध खनन के कारोबार में लिप्त लोगों पर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस व प्रशासनिक अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे है
लखनऊ. शासन-प्रशासन के आदेशों को धता बताते हुए खनन माफिया कुलदीप यादव धरती का सीना छलनी करने से बाज नहीं आ रहे। अवैध खनन के कारोबार में लिप्त लोगों पर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस व प्रशासनिक अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे है। गुडंबा थाना क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार बदस्तूर जारी है।
इसमें पुलिस मोटी रकम डकार रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरमान जारी किया था कि अवैध खनन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। कई माह पूर्व एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने अवैध खनन के मामले में दर्जन ट्रैक्टर-ट्रालियों को व जेसीबी सीज किया था। खनन में प्रयुक्त जेसीबी व ट्रैक्टर-ट्राली किसकी थी, इसका खुलासा पुलिस नहीं कर सकी।
इसके बाद पुलिस की सांठ गांठ कर खनन माफिया फिर धरती का सीना चीरने में जुट गए। बताते हैं कि गुडंबा थाना में अवैध खनन चल रहे है जिनके पास प्रदूषण विभाग का लाइसेन्स नहीं है। वे जेसीबी ट्रैक्टर ट्राली से दिन रात खुदाई कर रहे है। इनसे पुलिस मनमानी रकम वसलूी रही है।
सूत्रों के अनुसार पुलिस की मनमानी का आलम यह है कि गुडंबा थाना में यशपाल सिंह कांस्टेबल 5 हजार रुपए प्राप्त ट्रैक्टर वसूल कर उन्हे खुलेआम परमिशन दे रहे हैं मनमानी वसूली की खुली छूट दे रहे है।
सभी उपजिलाधिकारियों को मुख्य मंत्री के निर्देश की चिन्ता नहीं है और वे अवैध खनन की ओर देखना गवारा नहीं करते। अधिकारी कहते है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी। राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अवैध खनन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पर ये तो साफ दिख रहा है कि योगी सरकार में भी यूपी की राजधानी लखनऊ में खनन माफियाओं पर पूरी तरह से लगाम नहीं कसी जा सकी है।