ग्वालियर। प्रदेश के अनुदानित महाविद्यालयों ने पिछले दो साल में शासन से मिली राशि का जो हिसाब भेजा है,उसमें गड़बड़ी सामने आई है। इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने सभी अनुदान प्राप्त कॉलेजों से डिटेल ब्यौरा मांगा है। चेतावनी दी गई है कि शीघ्र ही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो संबंधित कॉलेजों का आगामी अनुदान रोक दियाजाएगा। जिससे लिए प्राचार्य स्वयं ही जिम्मेदार होंगे। जानकारी के मुताबिक शासन ने अनुदानित कॉलेजों को वित्तीय वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में वेतन भुगतान के लिए जो अनुदान राशि दी थी। उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा गया था। कॉलेजों की ओर से जो जानकारी भेजी गई है,उसमें बताया गया है कि वेतन भुगतान के बाद भी बैंक खातों में शेष राशि बची हुई है। इसे विभाग ने वित्तीय नियमों के विपरीत माना है। प्राचार्यों को निर्देश जारी कर कहा है कि स्पष्ट करें कि कब से शेष राशि बैंक खातों में जमा है या फिर जमा कराई गई है। इसका विस्तृत जानकारी तत्काल ही भोपाल भिजवाना सुनिश्चित करें। यह भी कहा है कि अगर किसी कॉलेज की जानकारी प्राप्त नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में आगामी अनुदान को रोका जाएगा। देरी से जानकारी भेजने पर बाद में किसी भी कॉलेज प्राचार्य की कोई सफाई नहीं सुनी जाएगी।